
राजस्थान हाईकोर्ट और सीएम भजनलाल। पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। राज्य सरकार ने जर्जर क्लासरूम वाले स्कूलों में कक्षाएं टीनशेड-त्रिरपाल के नीचे शिफ्ट करने की जानकारी दी, इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि इससे तो और हादसे होंगे। टीन और त्रिरपाल तो उड़ जाएंगे।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार रोडमैप पेश कर विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शीघ्र उपयुक्त भवन आदि की जानकारी दे, वहीं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण इन वैकल्पिक इंतजामों का जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिवों (न्यायिक अधिकारियों) के माध्यम से 15 से 18 सितम्बर के बीच औचक निरीक्षण कराए। कोर्ट 19 सितम्बर को सुनवाई के समय निरीक्षण रिपोर्ट को देखेगा।
न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल और न्यायाधीश अशोक कुमार जैन की विशेष पीठ ने मंगलवार को झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद स्वप्रेरणा से दर्ज दो याचिकाओं सहित सरकारी स्कूलों में सुविधाओं सम्बन्धी याचिकाओं पर सुनवाई की।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 86 हजार जर्जर क्लासरूम में पढ़ाई की जानकारी सामने आने पर इनमें कक्षाओं पर रोक लगाने को कहा था। इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने प्रमुख शिक्षा सचिव का शपथ पत्र पेश किया।
महाधिवक्ता की ओर से मंगलवार को बताया गया कि प्रदेश की कई जर्जर स्कूल चिन्हित कर वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को वैकल्पिक स्थानों पर पढाया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि अब बच्चे टीन शेड के नीचे पढ रहे हैं, यह स्थिति ठीक नहीं है। स्कूलों में उचित व्यवस्था करने के लिए क्या किया जा रहा है। इस पर राज्य सरकार ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, इसके लिए टीनशैड-त्रिपाल की वैकल्पिक व्यवस्था की है।
न्यायमित्र अधिवक्ता तन्मय ढंढ ने कहा कि सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार जिन स्कूलों में दूसरे अतिरिक्त कमरे हैं, वहां क्लास लगाई जा रही हैं। जहां अतिरिक्त क्लासरूम नहीं है वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य सरकारी बिल्डिंग, निजी भवन और टीनशेड, तंबू और टैंट लगाकर पढ़ाई कराई जा रही हैं।
कोर्ट ने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था में भी बच्चों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें पढ़ाई का अच्छा माहौल मिलना चाहिए। इस बारे में रिपोर्ट लेने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिव निरीक्षण करें और ग्रामीण क्षेत्र के दूर-दराज वाली स्कूलों पर विशेष ध्यान दें। संबंधित कलक्टर, पुलिस अधीक्षकों और जिला शिक्षा अधिकारी निरीक्षण के दौरान पूर्ण सहयोग करें।
Published on:
10 Sept 2025 07:00 am
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