
पूरे वेग से बहती बनास नदी। फोटो: दिनेश पाराशर, ड्रोन साभार: प्रकाश पाराशर
भीलवाड़ा। राजस्थान प्रदेश में मानसून ने इस बार जमकर मेहरबानी दिखाई है। नदियां उफान पर है तो ताल-तलैया लबालब है। मेवाड़ की गंगा कहलाने वाली बनास नदी में इस बार भरपूर पानी आया है। मातृकुंडिया बांध के गेट खोले जाने के बाद भीलवाड़ा जिले के आकोला के निकट से गुजर रही बनास नदी में नौ साल बाद पुलिया डूबी हुई है।
आधा किलोमीटर तक बनास नदी की पुलिया पर पानी का फैलाव देखकर ग्रामीणों का मन हर्षाया हुआ है। आकोला कस्बे के निकट बहने वाली बनास नदी की पुलिया पर 9 साल बाद पानी आने पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ देखने के लिए पहुंची।
9 साल बाद पानी आने से पुलिया की सुरक्षा दीवार का एक हिस्सा बह गया। वहीं, पुलिया का कुछ हिस्सा भी टूटकर पानी के साथ बह गया। ऐसे में पुलिया पर आवागमन बंद पूरी तरह बंद है। बड़लियास थाना पुलिस ने पुलिया के दोनों तरफ कंटीली झाड़ियां डालकर रास्ते को बंद किया है।
इधर, भीलवाड़ा के निकट हलेड गांव से गुजर रही मेजा बांध की नहर में इन दिनों बारिश के कारण पानी बह रहा है। नहर फूट जाने के कारण पानी खेतों में जाने लगा है। गांव वाले भी खेतों में जाने से कीचड़ में फंस रहे हैं पानी की वजह से फसले बर्बाद हो गई हैं।
Published on:
09 Sept 2025 10:10 am
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