Rajasthan Politics: राजस्थान में गणतंत्र दिवस के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, गणतंत्र दिवस के बाद कभी भी सीएम भजनलाल अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं।
Bhajanlal Cabinet Expansion: राजस्थान में गणतंत्र दिवस के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, गणतंत्र दिवस के बाद कभी भी सीएम भजनलाल अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। इसमें लगभग आधा दर्जन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। बता दें, इस विस्तार में कुछ नए चेहरों को मंत्री पद मिलने की संभावना है, वहीं, कुछ पुराने नेताओं के बाहर होने की भी संभावना है।
बताया जा रहा है कि इस बार के कैबिनेट विस्तार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गुट के नेताओं को भी मौका दिए जाने की संभावना है। सीएम भजनलाल ने हाल ही में वसुंधरा राजे से उनके सिविल लाइन स्थित आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद से अटकलें और तेज हो गई हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री शर्मा ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और कई केन्द्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की थी।
सूत्रों के मुताबिक, भजनलाल मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले संभावित नामों में कालीचरण सराफ और श्रीचंद कृपलानी जैसे अनुभवी नेताओं के नाम सबसे ऊपर हैं। इसके अलावा रेवंतराम डांगा, भेराराम सियोल, शैलेश दिगंबर सिंह, राजेंद्र गुर्जर, संदीप शर्मा, लालाराम बैरवा और जितेंद्र गोठवाल को भी मंत्री पद मिलने की उम्मीद है।
मंत्रिमंडल फेरबदल के साथ ही डिप्टी सीएम भी बदलने की चर्चाएं जोरों पर हैं। इस पद के लिए अनिता भदेल, डॉ. मंजू बाघमार, जोगेश्वर गर्ग और जितेंद्र गोठवाल में से किसी एक का नाम सामने आ सकता है। बताते चलें कि वर्तमान में सीएम भजनलाल के मंत्रिमंडल में 6 पद रिक्त हैं। 31 जनवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर सरकार अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. राधामोहन अग्रवाल ने मंत्रिमंडल विस्तार पर कहा कि यह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार कब और कैसे होगा, इसका निर्णय मुख्यमंत्री करेंगे। उन्हें जो उचित लगेगा, वही फैसला लिया जाएगा।
बताते चलें कि राजस्थान की राजनीति में यह मंत्रिमंडल विस्तार कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की वसुंधरा राजे और केंद्रीय नेतृत्व के साथ लगातार मुलाकातें नए राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा करती हैं। अब देखना यह होगा कि इस विस्तार में कौन-कौन से चेहरे शामिल होते हैं।