Rajasthan Politics: राजस्थान में 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का मुद्दा बुधवार को सदन में गूंजा। जिस पर हंगामे की बीच ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सरकार का पक्ष रखा।
Free Electricity: ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्पष्ट कर दिया कि 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना में रजिस्ट्रेशन से वंचित रहे उपभोक्ताओं को योजना का फायदा नहीं मिलेगा। मंत्री के स्पष्टीकरण से सदन में सत्ता पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस भी हुई। विपक्ष ने कहा कि एक प्रदेश में दो कानून कैसे चलेंगे, लेकिन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि रजिस्ट्रेशन की बाध्यता आपकी सरकार ने रखी। हम बस योजना को आगे बढ़ा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वाले करीब 30 लाख उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली योजना का फायदा नहीं मिलेगा।
सादुलपुर विधायक मनोज कुमार के प्रश्न पर मंत्री नागर ने कहा कि जो परिवार मुफ्त बिजली योजना से वंचित रह गए हैं, उन्हें योजना में शामिल करवाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। पिछली सरकार ने चुनाव नजदीक आने से एमनेस्टी स्कीम के रूप में यह योजना चालू की थी, जिसमें स्पष्ट था कि जो रजिस्ट्रेशन कराएगा उन्हीं को लाभ मिलेगा। अगर पिछली सरकार की मंशा होती तो रजिस्ट्रेशन का प्रावधान रखती ही नहीं।
मनोज कुमार ने कहा कि आप सबको इस योजना में शामिल करना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन का प्रावधान हटा दें। आपकी सरकार को भी आठ माह हो चुके हैं। मनोज कुमार ने कहा कि बिजली बिलों पर एक हजार रुपए तक फ्यूल चार्ज लगकर आ रहा है। इस पर मंत्री ने कहा कि 200 यूनिट उपभोग वाले उपभोक्ताओं पर किसी तरह का फ्यूल चार्ज नहीं लग रहा। इससे ज्यादा उपभोग करने पर ही फ्यूल चार्ज की वसूली नियमानुसार हो रही है।
मंत्री ने कहा कि राजस्थान में कुल 1 करोड़ 29 लाख 9 हजार 968 उपभोक्ता हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद 98 लाख 23 हजार 314 उपभोक्ताओं को लाभ दिया जा रहा है। 30 लाख 86 हजार 654 उपभोक्ताओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। इस वजह से इन्हें मुफ्त बिजली योजना का फायदा नहीं मिल सकता।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एक ही श्रेणी के उपभोक्ता हैं और सिर्फ रजिस्ट्रेशन के नाम पर ही फायदा नहीं दिया जा रहा। एक प्रदेश में दो तरह के कानून नहीं चल सकते। कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी बोलने की कोशिश की तो विस अध्यक्ष ने उन्हें मंजूरी नहीं दी। काफी देर तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।