राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास और निकायों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। निकाय ज्यादा ऊंची इमारतों के नक्शे की स्वीकृत और निर्माण स्वीकृति दे सकेंगे। साथ ही 5000 से 25000 वर्गमीटर तक के भूखंड का पट्टा भी जारी कर सकेंगे। इनमें पुनर्गठन और उपविभाजन से जुड़े मामले भी शामिल हैं। नगरीय विकास एवं आवासन मंडल ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
सरकार ने विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यासों के बढ़ाए अधिकार
अब 60 मीटर ऊंची इमारतों की मंजूरी दे सकेंगे, अभी तक 40 मीटर तक ही थी अनुमति
बड़े शहरों में 25000 वर्ग मीटर और छोटे शहरों में 5000 वर्ग मीटर तक के भूखंड के पट्टे देने का भी मिला अधिकार
जयपुर. राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास और निकायों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। निकाय ज्यादा ऊंची इमारतों के नक्शे की स्वीकृत और निर्माण स्वीकृति दे सकेंगे। साथ ही 5000 से 25000 वर्गमीटर तक के भूखंड का पट्टा भी जारी कर सकेंगे। इनमें पुनर्गठन और उपविभाजन से जुड़े मामले भी शामिल हैं। नगरीय विकास एवं आवासन मंडल ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
1- अब 60 मीटर ऊंची इमारतों की मंजूरी दे सकेंगे..
अब विकास प्राधिकरण और उसके मुख्यालय पर स्थित निकाय 60 मीटर ऊंचाई तक की इमारत के निर्माण की स्वीकृति दे सकेंगे। अभी तक 40 मीटर ऊंचाई तक की ही अनुमति देने की बंदिश थी। इसी तरह नगर विकास न्यास और उनके मुख्यालय पर स्थित नगर निगम, परिषद 40 मीटर तक और अन्य क्षेत्रों के निकाय 30 मीटर ऊंचाई तक की इमारत के निर्माण की स्वीकृति दें सकेंगे। इससे अधिक ऊंची इमारत के निर्माण के लिए निकायों को राज्य सरकार से स्वीकृति लेनी होगी।
2- अब 25000 वर्गमीटर तक पट्टे दे सकेंगे
-विकास प्राधिकरण व संबंधित नगर निगम, परिषद 25000 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड और 10 हजार वर्ग मीटर तक के गैर आवासीय भूखंड के पट्टे जारी कर सकेंगे।
-नगर सुधार न्यास व संबंधित निगम, परिषद 10 हजार वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंड और 5000 वर्गमीटर तक के गैर आवासीय भूखंड के पट्टे दे सकेंगे।
-अन्य सभी स्थानीय प्राधिकारी 5 हजार वर्गमीटर तक का आवासीय और 3 हजार वर्गमीटर तक का गैर आवासीय पट्टा दे सकेंगे।
3- पुनर्गठन व उप विभाजन
भूखंडों के पुनर्गठन व उपविभाजन के अधिकारों में भी बढ़ोतरी की गई है। नगर पालिका, परिषद, निगम से लेकर यूआईटी व विकास प्राधिकरण को 5000 से 25000 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक भूखंडों का पुनर्गठन और उपविभाजन कर सकेंगे।