
जयपुर जंक्शन पर सामान्य कोच में यात्रियों की भीड़, पत्रिका फोटो
Encroaching on Reserved Coaches: जयपुर। पर्यटन सीजन के कारण इन दिनों जयपुर से आने-जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। स्थिति यह है कि रिजर्वेशन के बावजूद यात्रियों को आरामदायक सफर नसीब नहीं हो पा रहा। रोजाना ट्रेनों में विवाद की स्थिति बन रही है। भीड़ के कारण यात्रियों में रोष बढ़ रहा है। इसकी मुख्य वजह सामान्य कोच की कमी बताई जा रही है।
पर्यटन सीजन में ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनें फुल दौड़ रही हैं। कई ट्रेनों में लंबी वेटिंग है तो अधिकांश में ‘नो-रूम’ की स्थिति है। जिन यात्रियों को कन्फर्म सीट नहीं मिल पा रही, वे मजबूरी में स्लीपर और एसी कोच में घुस रहे हैं। अनधिकृत प्रवेश के कारण कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इसलिए भी बिगड़ रही है क्योंकि अतिरिक्त भीड़ के बावजूद रेलवे ने प्रमुख रेगुलर ट्रेनों में गिने-चुने जनरल कोच ही जोड़े हैं।
कई ट्रेनों में तो अब तक कोई अतिरिक्त कोच नहीं जोड़ा गया है। नतीजतन, पहले से लगे जनरल कोच पूरी तरह भर जाते हैं और जगह न मिलने पर यात्री रिजर्वेशन कोच की ओर रुख कर रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि जब तक जनरल कोच की संख्या में दोगुना तक इजाफा नहीं किया जाएगा, तब तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे।
रिजर्वेशन कोच में सफर कर रहे यात्रियों में अनधिकृत भीड़ को लेकर खासा रोष है। कई यात्री सोशल साइट्स, रेलवे की वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबरों पर अव्यवस्था को लेकर गुस्सा जता रहे हैं। रेलवे सुरक्षा बल तक लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं। कई बार यात्रियों के बीच विवाद की स्थिति भी सामने आ रही है।
रेलवे अनारक्षित टिकट पर रिजर्वेशन कोच में घुस रहे यात्रियों से जुर्माना वसूल इतिश्री कर रहा है, जबकि ऐसी स्थिति पैदा ही न हो, इस पर फोकस नहीं किया जा रहा। जयपुर समेत चारों मंडल रिकॉर्ड कमाई कर रहे हैं। इस पूरी स्थिति ने रेलवे की योजना और प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिवाली के दौरान ट्रेनों में भीड़ देखते हुए रेलवे बोर्ड ने स्थायी तौर पर अतिरिक्त जनरल कोच जोड़ने की बात कही थी। उस समय अस्थायी रूप से कोच जोड़े गए थे, लेकिन अवधि पूरी होते ही ज्यादातर ट्रेनों से उन्हें हटा दिया गया। यदि उन कोच को स्थायी किया जाता तो काफी हद तक भीड़ कम हो सकती थी। वर्तमान में भी कोच जोड़े जा रहे हैं, लेकिन उनमें ज्यादातर एसी कोच ही शामिल हैं।
Published on:
27 Dec 2025 09:05 am
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