सरकारी स्कूलों में इस बार 2 अक्टूबर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वजह यह है कि इस साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और दशहरा दो बड़े अवसर एक साथ पड़ रहे हैं।
जयपुर। सरकारी स्कूलों में इस बार 2 अक्टूबर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वजह यह है कि इस साल 2 अक्टूबर को दो बड़े अवसर एक साथ पड़ रहे हैं। महात्मा गांधी जयंती और दशहरा को लेकर शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन दुविधा में हैं कि आखिर इस दिन छुट्टी घोषित करें या फिर कार्यक्रम आयोजित करें।
शिक्षा विभाग ने पहले से जारी गाइडलाइन में स्पष्ट किया था कि गांधी जयंती के अवसर पर सभी स्कूलों में भले ही अवकाश रहेगा, लेकिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष कार्यक्रम अनिवार्य रूप से करवाए जाएंगे। इसमें प्रार्थना सभा, भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन और गांधीजी के विचारों पर चर्चा जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं।
ये भी पढ़ें
दूसरी ओर, दशहरा भी इस साल 2 अक्टूबर को ही पड़ रहा है और यह राजकीय अवकाश के रूप में घोषित है। ऐसे में शिक्षकों और विद्यार्थियों का मानना है कि उन्हें इस दिन पूरी छुट्टी मिलनी चाहिए। यही कारण है कि अब स्कूलों के प्रधानाचार्य और शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं। यदि वे गांधी जयंती का कार्यक्रम आयोजित करते हैं तो दशहरे की छुट्टी बाधित होगी, और यदि वे छुट्टी घोषित करते हैं तो गांधी जयंती पर कार्यक्रम न करने का दोषी ठहराए जा सकते हैं।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग को इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द संशोधित आदेश जारी करना चाहिए। उनका कहना है कि एक ही दिन पर दो कार्यक्रमों का टकराव होने से भ्रम पैदा हो गया है और अगर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिले तो बाद में कई स्कूलों पर आदेश की अवहेलना का ठप्पा लग सकता है।
फिलहाल, शिक्षा विभाग की ओर से इस मामले में कोई नया निर्देश जारी नहीं हुआ है। सभी की निगाहें अब विभाग पर टिकी हैं कि वह इस असमंजस को कैसे दूर करेगा।