डिजिटल युग में स्कूल जाने से पहले ही बच्चे घर पर एबीसीडी से लेकर टेबल व अन्य बुनियादी चीजें सीख रहे हैं। इससे बच्चे न सिर्फ मोबाइल के दुष्प्रभाव से बच रहे हैं, बल्कि पढ़ाई भी कर रहे हैं। इसके लिए परिजन स्मार्ट टेलीविजन (टीवी) का सहारा ले रहे हैं। स्मार्ट टीवी पर बच्चों की […]
डिजिटल युग में स्कूल जाने से पहले ही बच्चे घर पर एबीसीडी से लेकर टेबल व अन्य बुनियादी चीजें सीख रहे हैं। इससे बच्चे न सिर्फ मोबाइल के दुष्प्रभाव से बच रहे हैं, बल्कि पढ़ाई भी कर रहे हैं। इसके लिए परिजन स्मार्ट टेलीविजन (टीवी) का सहारा ले रहे हैं। स्मार्ट टीवी पर बच्चों की क्लास चलती है। इससे बच्चे खेल-खेल में ए फॉर एप्पल, बी फॉर बॉल भी सीख रहे हैं।
ऐसे में बच्चा जब प्री-क्लास में एडमिशन लेने जाता है तो वो पहले से तैयार हो जाता है और जब उसका टेस्ट होता है तो वो फटाफट सवालों के जवाब भी देता है।
दरअसल, स्मार्ट टीवी और इंटरनेट के कॉम्बिनेशन से यह आसान हुआ है। स्मार्ट टीवी होने से सीधे इंटरनेट से कनेक्ट हो जाता है। इससे बच्चों का न सिर्फ मनोरंजन होता है, बल्कि वे टीवी देखकर सीखते भी रहते हैं। कई ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म बच्चों के लिए अलग से कंटेंट तैयार करवा रहे हैं। साथ ही अलग से जोन भी तैयार किया गया है।
ये फायदे भी मिल रहे
विविधता: विभिन्न विषयों पर अनगिनत शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध है।
दृश्यात्मक शिक्षण: किताब में पढ़ने की बजाय वीडियो देखने के दौरान सीखने-समझने में आसानी होती है।
इसलिए आ रहा पसंद
एनिमेटेड कंटेंट: पढ़ाई और अन्य जानकारी से संबंधित जो वीडियो होते हैं, वे कलरफुल और लाइव होते हैं। इनको देखकर बच्चे आकर्षित होते हैं और सीखने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं।
आवाज लुभाती: कई बच्चों को कहानी फॉर्मेट पसंद आती है। ऐसे में बच्चे आसानी से पूरी बात समझ लेते हैं और उसको आगे भी बता पाते हैं।
छोटे वीडियो: जो कम्पनियां बच्चों के लिए कंटेंट तैयार करती हैं, वे वीडियो छोटे बनाती हैं ताकि बच्चे बोर न हों और उनकी रुचि बनी रहे। इसके अलावा बच्चों का जुड़ाव बना रहे इसके लिए म्यूजिक, कार्टून कैरेक्टर पर भी फोकस किया जाता है।