अफसर-नेताओं की लापरवाही के कारण बीसलपुर बांध से एक ही दिन में तीन शहरों का 50 दिन का पानी बह गया। ईसरदा बांध भी खाली रह गया। बांध के ओवरफ्लो होने से शुक्रवार को औसत 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो जयपुर, टोंक और अजमेर में 50 दिन पेयजल सप्लाई जितना पानी है।
- निर्माण में लेटलतीफी पड़ी भारी... बीसलपुर बांध से एक दिन में बह गया इतना पानी
-बीसलपुर बांध से ओवरफ्लो पानी ईसरदा बांध में पहुंचता, रामगढ़ बांध में भी ईसरदा से ही पहुंचना है पानी
-अब बनास, यमुना, गंगा होते हुए बंगाल की खाड़ी में बह जाएगा
जयपुर. अफसर-नेताओं की लापरवाही के कारण बीसलपुर बांध से एक ही दिन में तीन शहरों का 50 दिन का पानी बह गया। ईसरदा बांध भी खाली रह गया। बांध के ओवरफ्लो होने से शुक्रवार को औसत 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो जयपुर, टोंक और अजमेर में 50 दिन पेयजल सप्लाई जितना पानी है। बांध के गेट खुलने से दोपहर तक 12 हजार क्यूसेक और शाम होते-हाते 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी ईसरदा बांध में जाना था, लेकिन चार साल बाद भी अधूरे काम के कारण सारी उम्मीदें धरी गईं। निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो ईसरदा बांध भी 2 दिन में भर जाता। ईसरदा से ही एक पाइपलाइन लाइन जयपुर के रामगढ़ बांध तक पहुंचनी है, जिसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। रामगढ़ बांध की मौजूदा क्षमता 55 मिलियन क्यूबिक मीटर है और बह रहे पानी से तो यह बांध एक दिन में लबालब हो जाता। सवाल यह है कि इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
इस तरह बह रहा ‘अमृत’
-सवाईमाधोपुर जिले में निर्माणाधीन ईसरदा बांध (प्रथम चरण) की क्षमता 92 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इसका निर्माण दिसम्बर, 2021 में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन लेटलतीफी के कारण अब तक भी 78 प्रतिशत ही काम हो पाया है। देरी के पीछे तर्क दे रहे हैं कि पहले कोरोना आया और फिर यूक्रेन व रूस बीच युद्ध होने के कारण नीदरलैंड से उपकरण नहीं आ पाए।
-बीसलपुर बांध से चौबीस घंटे में औसतन 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, यह 50 मिलियन क्यूबिक मीटर होता है। आगामी दिनाें में 42 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा जाता है तो वह इतना होगा की ईसरदा बांध भर जाएगा।
-बारिश का जो पूर्वानुमान है, उस आधार पर बीसलपुर बांध से 10 से 13 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जा सकता है।
-बीसलपुर बांध से अभी एक मिलियन क्यूबिक मीटर पानी हर दिन जयपुर, टोंक व अजमेर में पेयजल के लिए सप्लाई हो रहा है।
बंगाल की खाड़ी में बह जाएगा पानी
ओवरफ्लो पानी बनास नदी से चम्बल, यमुना और फिर गंगा में होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाएगा।