Rural Education: खगोल की ओर कदम जयपुर के सरकारी विद्यालयों में चमके ज्ञान के तारे, ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए खुला ‘आकाशगंगा’ जैसा प्रयोगात्मक मंच।
New Education Policy: जयपुर। जयपुर जिले के विद्यालयों में अब बच्चे केवल किताबों में सितारों के बारे में नहीं पढ़ेंगे, बल्कि उन्हें दूरबीन से देख भी सकेंगे। शिक्षा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान की रहस्यमयी दुनिया से परिचित कराने के लिए जिला परिषद जयपुर ने एक अभिनव कदम उठाया है। जिले के पांच सरकारी विद्यालयों में खगोल विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है, जिनमें दो प्रयोगशालाओं का उद्घाटन शनिवार को गोविंदगढ़ ब्लॉक के पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रेलवे स्टेशन, चौंमू और महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, भोजलावा में किया गया।
इन प्रयोगशालाओं का निर्माण फिनोवा कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत किया गया है। उद्घाटन अवसर पर जिला प्रमुख रमा देवी चोपड़ा ने कहा कि यह पहल ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए विज्ञान और अंतरिक्ष को करीब से समझने का माध्यम बनेगी। वहीं, जिला परिषद की सीईओ प्रतिभा वर्मा ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं में 69 आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। जिनमें डोबसोनियन दूरबीन, सौर ऊर्जा किट, सूर्य-चंद्र ग्रहण मॉडल, किरण ऑप्टिक किट और गुरुत्वाकर्षण-विरोधी प्रयोग जैसी सामग्री शामिल है।
उन्होंने कहा कि “यह प्रयोगशालाएं विद्यार्थियों के लिए ज्ञान का नया आकाश खोलेंगी, जिससे वे तारों, ग्रहों और अंतरिक्ष के रहस्यों को प्रयोगात्मक रूप से समझ सकेंगे।” जिला परिषद का यह नवाचार नई शिक्षा नीति 2020 की भावना को साकार करता है, जहां शिक्षा अब केवल कक्षा की चार दीवारों तक सीमित नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की विशालता तक विस्तृत हो रही है।