AI Edge Node: 2030 तक आपका स्मार्टफोन बन जाएगा एआई रिमोट। फोन बंद नहीं होगा, बस उसका आज वाला रूप मर जाएगा। फोन रहेगा हाथ में, लेकिन दिमाग रहेगा क्लाउड में। फोन बचेगा सिर्फ नाम का, असली गेम चलेगा एआई का।
Smartphones Ending 2030: जयपुर. एलन मस्क ने फिर से भविष्य की झलक दिखाई है। उनका दावा है कि आने वाले 5-6 साल में हमारा प्यारा स्मार्टफोन सिर्फ एक "एज नोड" बनकर रह जाएगा-यानी एआई का एक छोटा सा टुकड़ा। कोई एंड्रॉयड, कोई आईओएस, कोई ऐप स्टोर, कोई अलग-अलग ऐप्स सब खत्म! सब कुछ एआई खुद सोचेगा, समझेगा और सीधे स्क्रीन पर पिक्सल बनाकर दिखा देगा। मस्क का कहना है कि ये बदलाव इतनी तेजी से आएगा कि आज का फोन कल का "डायनासोर" लगने लगेगा।
मस्क के मुताबिक भविष्य का डिवाइस दिखने में तो फोन जैसा ही रहेगा, लेकिन अंदर से पूरी तरह बदल जाएगा। कोई ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं रहेगा। कोई ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी। आप बस बोलोगे "मूवी दिखाओ", "फोटो एडिट करो", "गेम खेलो" और एआई तुरंत स्क्रीन पर सब कुछ रेंडर कर देगा। मस्क ने इसे "डायरेक्ट पिक्सल रेंडरिंग" कहा है। मतलब एआई सीधे पिक्सल बनाएगा, बीच में कोई सॉफ्टवेयर लेयर नहीं।
मस्क ने सबसे बड़ा तकनीकी कारण भी बताया। "सारे 8 अरब लोगों के फोन पर 4के वीडियो क्लाउड से भेजना नामुमकिन है। बैंडविड्थ कभी काफी नहीं होगी।"प्लेन में, गांव में, मेट्रो में नेटवर्क गायब हो जाता है। इसलिए फोन में अभी भी बहुत ताकतवर एआई चिप रहेगी जो खुद ही ज्यादातर काम कर सके। यानी फोन "डंब टर्मिनल" नहीं बनेगा, बल्कि एआई का "एज नोड" बनेगा क्लाउड का छोटा भाई।
ऐप स्टोर हो जाएगा म्यूजियम का सामान- 2030 तक प्ले स्टोर और एप स्टोर सिर्फ इतिहास की किताबों में मिलेंगे।
फोन का प्रोसेसर बनेगा मिनी सुपरकंप्यूटर- सिर्फ एआई चलाने के लिए इतना पावरफुल चिप लगेगा कि आज का फ्लैगशिप भी फीका पड़ जाए।
आपकी आवाज और आंखें बनेंगी नया कीबोर्ड-माउस- टच, टाइपिंग सब पुरानी बात- एआई आपकी आंखों की पुतली और आवाज से ही समझ जाएगा कि आप क्या चाहते हो।
मस्क का ये बयान कोई सपना नहीं, बल्कि एक्स एआई और टेस्ला की असल दिशा है। तैयार हो जाइए आपका अगला फोन शायद आखिरी "ट्रेडिशनल" फोन होने वाला है।