RSMSSB 4th Grade 2025: चपरासी भर्ती परीक्षा में नकल को रोकने के लिए विशेष सख्ती बरती जा रही है। चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा का आज तीसरा और अंतिम दिन है।
RSMSSB 4th Grade Exam 2025: राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा का आज तीसरा और अंतिम दिन है। प्रदेशभर में लाखों अभ्यर्थियों के लिए यह परीक्षा रोजगार पाने का बड़ा अवसर है। परीक्षा दो पारियों में आयोजित की जा रही है। पहली पारी सुबह 10 बजे और दोपहर 3 बजे की है। सुबह की पारी में परीक्षा केंद्रों पर गेट 9 बजे बंद कर दिया गया, जिसके बाद लेट पहुंचे कई अभ्यर्थी बाहर ही रह गए।
अंतिम समय में दौड़ते-भागते पहुंचे उम्मीदवार परीक्षा केंद्रों में प्रवेश पाने की जद्दोजहद करते नजर आए, जबकि गेट बंद होने के बाद पहुंचे परीक्षार्थियों को वापस लौटना पड़ा। परीक्षा के अंतिम दिन आज करीब 8 लाख 23 हजार से अधिक अभ्यर्थी दोनों पारियों में शामिल हो रहे हैं।
प्रदेशभर में 19 से 21 सितंबर तक आयोजित इस परीक्षा में कुल छह पारियां हुईं, जिनमें से चार पहले ही पूरी हो चुकी हैं। इस भर्ती परीक्षा के लिए कुल 24 लाख 75 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। परीक्षा 53,749 पदों के लिए कराई जा रही है, जिस कारण प्रतियोगिता बेहद कड़ी हो गई है।
परीक्षा में नकल को रोकने के लिए विशेष सख्ती बरती जा रही है। जयपुर में रविवार को एक इंजीनियर को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा में अपने गुप्तांगों में छिपाई गई स्मार्टवॉच की मदद से नकल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपी को दो दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस ने बताया कि वह सुरक्षा जांच में बिना पकड़ में आए निकल गया था।
डीसीपी दक्षिण राजर्षि राज वर्मा ने आरोपी की पहचान सीकर के खंडेला निवासी 28 वर्षीय रवि झाझरिया के रूप में की। वह अपने परिवार के साथ जयपुर के मुरलीपुरा इलाके में रहता है। रवि के पास पास बीटेक की डिग्री है। उसका परीक्षा केंद्र महात्मा गांधी राजकीज विद्यालय, महावीर मार्ग, सी-स्कीम में आया था।
पुलिस ने बताया कि रवि स्मार्टवॉच के साथ परीक्षा कक्ष में पहुंच गया था। परीक्षा शुरू होते ही उसने तस्वीर खींच ली, जिससे परीक्षा कक्ष में टीचर को शक हुआ। उस पर नजर रखी गई और 10 मिनट बाद तलाशी में डिवाइस बरामद हो गई। उसके घर से एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ।
पुलिस ने जब आरोपी रवि झाझरिया से मामले में पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके पिता पानी सप्लाई का काम करते हैं। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो जूते की दुकान पर नौकरी करने लगा। उसमें 10 से 12 हजार रुपए मिलते हैं।