Patrika Book Fair 2025: यहां किताबों के साथ-साथ लेखकों से मिलने का मौका भी मिल रहा है
जयपुर। ’पत्रिका बुक फेयर में आकर पता चला कि यहां किताबों के साथ-साथ लेखकों से मिलने का मौका भी मिल रहा है। इसके साथ ही साहित्यक चर्चाओं और यहां लगे फूड कोर्ट ने आने का मजा दोगुना कर दिया है। ’यह कहना है उन युवाओं का जिन्होंने सोमवार को जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में चल रहे 9 दिवसीय पत्रिका बुक फेयर के तीसरे दिन शिरकत की। इस दौरान दिनभर पुस्तक प्रेमियों के साथ-साथ स्टूडेंट्स और युवाओं का जमावड़ा लगा रहा।
कॉलेज से फ्री होते ही सबसे पहले मैं पत्रिका बुक फेयर में आ गया। यहां से हमने पर्सनालिटी डेवलपमेंट और व्यक्तित्व निखारने संबंधी काफी सारी पुस्तकें खरीदी हैं।
-उद्देश्य कुमार जिंदल, स्टूडेंट
मैं दोनों बच्चों को लेकर इस फेयर में आई हूं। अच्छी बात यह है कि यहां महिलाओं और बच्चों से संबंधित हजारों किताबें उपलब्ध हैं। यहीं से हमने स्टेशनरी का सामान भी ले लिया है।
-सरीता मीना, महिला
प्रतियोगी परिक्षाओं की किताबें खरीदने के साथ-साथ हमने यहां सेशन भी लिया, जो हमारे लिए काफी ज्ञानवर्धक साबित हुआ। इस दौरान मैं भारतीय इतिहास और अध्यात्म से रूबरू हुआ।
-चंद्रभान सिंह, युवा
मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि इस बुक फेयर में वेद, पुराण और सनातन धार्मिक ग्रंथों की भरमार है। पिछले दो घंटों से इन्हीं किताबों की दुनिया में खोई हुई हूं।
-ममता शर्मा, बुजुर्ग