जयपुर

Good News : SMS जयपुर में कैंसर के लिए Car-T सेल थेरेपी शुरू, राजस्थान का बना पहला सरकारी अस्पताल

Good News : खुशखबर। कैंसर के लिए Car-T सेल थेरेपी शुरू करने वाला SMS जयपुर राजस्थान का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है।

2 min read
एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर। फाइल फोटो पत्रिका

Good News : खुशखबर। कैंसर के लिए Car-T सेल थेरेपी शुरू करने वाला SMS जयपुर राजस्थान का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ब्लड कैंसर और खून की बीमारियों से जुड़े रोगों के लिए एक नए डिपार्टमेंट क्लिनिकल हेमेटोलॉजी की शुरुआत की गई है। क्लिनिकल हेमेटोलॉजी विभाग में कैंसर रोगियों का इलाज अब एडवांस Car-T cell therapy से किया जाएगा। अभी तक जयपुर के एक निजी कॉलेज में ही इस विंग और यूनिट का संचालन हो रहा है।

ये भी पढ़ें

राजस्थान में एक और बड़ा खुलासा, फर्जी विकलांगता प्रमाण-पत्र से हासिल कर रहे सरकारी नौकरियां, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

कार-टी सेल थेरेपी देश की पहली स्वदेशी जीन थेरेपी

कार-टी सेल थेरेपी देश की पहली स्वदेशी जीन थेरेपी है। जिसे काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। यह आनुवंशिक संशोधनों पर आधारित एक उपचार पद्धति है। विदेशों की तुलना में भारत में केवल 10वें हिस्से की लागत में इस इलाज पर खर्च आता है।

ब्लड कैंसर का इलाज संभव

डीसीएच विभाग के प्रमुख डॉ. विष्णु शर्मा ने कहा, हमारे डीसीएच में कार-टी करने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध हैं। यह कैंसर रोगियों के इलाज के लिए एक उन्नत चिकित्सा है। उन्होंने आगे कहा कि विभाग सभी प्रकार के रक्त संबंधी कैंसर और रक्तस्राव विकारों से लेकर अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (बोन मैरो) तक के विकारों का इलाज करेगा।

विभाग में मरीजों के लिए 20 बैड

डॉ. विष्णु शर्मा ने आगे बताया कि विभाग में मरीजों के लिए 20 बिस्तर हैं। यह विभाग एसएमएस अस्पताल में स्थापित किया गया है, लेकिन बाद में इसे राज्य कैंसर संस्थान में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

जयपुर महिला ने बनया रिकार्ड

अब तक, राजस्थान में सिर्फ निजी अस्पतालों में ही कार-टी सेल थेरेपी से कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज होता है। जयपुर की एक 82 वर्षीय महिला को देश में कार-टी सेल थेरेपी से इलाज कराने वाली सबसे उम्रदराज़ महिला होने का गौरव प्राप्त है।

एक निजी अस्पताल में चल रहा है कार-टी सेल थेरेपी

महात्मा गांधी अस्पताल में ऑन्कोलॉजी सेवाओं के निदेशक डॉ. हेमंत मल्होत्रा ने बताया, महिला हाई-ग्रेड लिम्फोमा से पीड़ित थी, यह लिम्फ नोड्स का कैंसर है। उस पर कीमोथेरेपी और अन्य पारंपरिक उपचारों का कोई असर नहीं हो रहा था, जिसके कारण उसका लिम्फोमा फिर से उभर आया। हमने उसकी टी-कोशिकाएं एकत्रित कीं और उन्हें मुंबई में कार-टी कोशिका बनाने वाली कंपनी को भेजा। मरीज़ भी मुंबई पहुंची, जहां लगभग एक साल पहले उसे कार-टी कोशिकाएं दी गईं। भगवान महावीर कैंसर अस्पताल दिसंबर 2024 से कार-टी कोशिका से इलाज कर रहा है।

ये भी पढ़ें

Rajasthan : रक्षाबंधन के लिए शिक्षा विभाग का नया आदेश, जानें क्या है?

Updated on:
07 Aug 2025 02:06 pm
Published on:
07 Aug 2025 02:05 pm
Also Read
View All

अगली खबर