SMS Jaipur New Facility : सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में अब ट्रांसप्लांट के लिए आने वाले और दुर्घटनाग्रस्त गंभीर मरीजों को परेशानी नहीं होगी। एसएमएस जयपुर में नई सुविधा शुरू होने जा रहीं है। एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में बोन और टिश्यू बैंक खुलेगा।
SMS Jaipur New Facility : सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में अब ट्रांसप्लांट के लिए आने वाले और दुर्घटनाग्रस्त गंभीर मरीजों को परेशानी नहीं होगी। कारण कि अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में ह्यूमन ल्युकोसाइट एंटीजन (एचएलए) लैब, बोन एवं टिश्यू बैंक स्थापित किए जाएंगे। इस पर करीब चार करोड़ रुपए खर्च होंगे। दरअसल, ऑर्गन डोनेशन के बाद अंग प्रत्यारोपण के लिए एचएलए टेस्ट की जरूरत होती है। इसमें ऑर्गन डोनर और रिसीवर के टिश्यू मैच करवाए जाते हैं। इसमें यह पता लगता है कि डोनर (अंग देेने वाला) का अंग (जैसे कि किडनी या लिवर) रिसीवर यानी लेने वाले के लिए उपयुक्त है या नहीं। साथ ही क्रॉस मैचिंग व रिस्क फैक्टर से जुड़ी जांचें भी होती हैं। इसके आधार पर चिकित्सक आगे का फैसला लेते हैं।
अब तक इस जांच के लिए एसएमएस अस्पताल के मरीजों को निजी अस्पताल या लैब में जाना पड़ता था। इसमें उनके 8 से 10 हजार रुपए खर्च हो जाते थे। इस लैब के ट्रॉमा सेंटर में स्थापित होने के बाद मरीजों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उनके समय और धन, दोनों की बचत होगी। साथ ही रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी। इससे ट्रांसप्लांट में देरी नहीं होगी।
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लैब के साथ ही अस्पताल में बोन एवं टिश्यू बैंक भी बनाया जा रहा है। इसमें दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हड्डी के दुर्घटनास्थल पर ही रह जाने या हड्डी के ज्यादा क्षतिग्रस्त होने पर हड्डी के गैप को मिटाने के लिए नई हड्डी लगाई जा सकेगी। हड्डी की गांठ, कैंसर के कारण हड्डी खराब होने की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए भी यह बैंक संजीवनी साबित होगा। इसमें डेडिकेटेड स्टाफ होगा। बैंक में हड्डी व टिश्यू को माइनस 77 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर रखा जाएगा। बैंक के लिए हड्डी ब्रेनडेड मरीजों के परिजनों की स्वीकृति से जुटाई जाएगी।
एसएमएस ट्रॉमा सेंटर नोडल प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने कहा बोन एवं टिश्यू बैंक और एचएलए लैब, दोनों सौगात मरीजों के लिए संजीवनी साबित होंगी। इसके लिए ट्रॉमा सेंटर में जगह चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। संभवत: छह से आठ माह में दोनों सुविधाएं मरीजों के लिए शुरू हो जाएंगी।
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