, आदर्श नगर में अलौकिक कीर्तन दरबार आयोजित किया जाएगा।
जयपुर। श्री अकाल तख्त साहिब के संरक्षण में गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा, नेहरु नगर, पानीपेच और जयपुर शहर के समूह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों के सहयोग से 23 जून को होगी। रविवारको शाम 5 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक सूरज मैदान, आदर्श नगर में अलौकिक कीर्तन दरबार आयोजित किया जाएगा। मुंबई के भाई साहब गुरप्रीत सिंह, (रिंकू वीर) अपने प्रवचनों से संगत को निहाल करेंगे। पचास हजार से अधिक संगत इस कार्यक्रम में शिरकत करेगी।
इस अलौकिक दरबार में सुखमनी साहिब के पाठ और कीर्तन दरबार सजेंगे। कार्यक्रम से जुड़े हरविंदर सिंह (रूबी वीर) हरचरन सिंह जेठरा, गुरमीत सिंह ने बताया कि प्रोग्राम में भाई गुरप्रीत सिंह (रिंकू वीर) उल्लास नगर, मुंबई वाले कीर्तन द्वारा संगत को गुरु ग्रन्थ साहिब के चरणों से जोड़ेंगे और शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर (पंजाब) से ज्ञानी रघुवीर सिंह जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, ज्ञानी हरप्रीत सिंह खालसा जत्थेदार तख्त दमदमा साहिब, ज्ञानी हरजिंदर सिंह धामी अध्यक्ष शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और राजिन्द्र सिंह मेहता महासचिव शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा एस जी पी सी की ओर से मनोनीत मनोनीत धर्म प्रचार कमेटी, राजस्थान के चेयरमैन भाई तेजिंदर पाल सिंह जी टिम्मा भी शिरकत करेंगे ।
पानीपेच गुरुद्वारे साहिब के घनेंद्र सिंह (डिंपल वीर), बलबीर सिंह कोचर, धर्मेन्द्र सिंह (चुन्नू वीर), गंभीर सिंह, योगेन्द्र सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब गुरु नानक सत्संग सभा नेहरु नगर पानीपेच से शोभा यात्रा के रूप में दोपहर 1 बजे से पांच प्यारों की अगुवाई में गुरु ग्रन्थ साहिब की सवारी कीर्तन करते हुए पूरे लवाजमे व बैंड बाजे के साथ दशहरा मैदान होती हुई सूरज मैदान में 4 बजे तक पहुंचेगी। अरदास उपरांत गुरु ग्रन्थ साहिब का बहुत उच्च स्थान पर प्रकाश किया जाएगा।
शाम 5 बजे से सुखमनी साहिब के पाठ पंडाल में प्रारंभ होंगे, जिसमें हजारों की संख्या में संगत सुखमनी साहिब के पाठ करेगी। शाम 6:30 बजे सुखमनी साहिब के पाठ की समाप्ति उपरांता अरदास होगी। शाम 7 बजे बाद रहरास साहिब के पाठ शुरू होंगे । उसके बाद आरती और मुंबई से आए हुए भाई गुरप्रीत सिंह के साथ कीर्तनी जत्था कीर्तन से संगत को निहाल करेगा। अरदास के बाद अटूट लंगर बांटा जाएगा ।
हरविंदर सिंह ने बताया कि इस कीर्तन दरबार में सिख, पंजाबी, सिन्धी और सभी समुदाय के लोगो का भरपूर सहयोग मिल रहा है। उनमें भाई गुरप्रीत सिंह (रिंकू वीर) के जयपुर आगमन पर बहुत उत्साह देखने को भी मिल रहा है। सभी समाज के लोगों ने इस कीर्तन दरबार को सफल बनाने के लिए अपने तन, मन, धन से सेवा की है। जयपुर शहर के बहुत से गुरुद्वारे मंदिर समितियां और सामुदायिक केन्द्र बाहर से आ रही संगत को ठहराने की सेवा कर रहे हैं।