Phone Tapping Controversy : भाजपा के सदस्यों ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में खुद उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। उस समय आप कहां थे, यह सारी दुनिया को पता है। इस मुद्दे पर आप बोलने लायक नहीं हो।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही जमकर हंगामा हुआ। मामला एक कैबिनेट मंत्री के फोन टैपिंग के आरोप से जुड़ा था। जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष 11 बजे अपनी सीट पर आकर बैठे नेता प्रतिपक्ष ने कैबिनेट मंत्री के फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा। करीब पांच मिनट तक सदन में हंगामा होता रहा है। इस दौरान प्रतिपक्ष लगातार मुख्यमंत्री इस्तीफा दो की नारेबाजी करता है।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली बोले कि सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का फोन
टैप हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री पर ही फोन टैपिंग का आरोप लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रश्नकाल को बाधित नहीं करें। इधर हंगामे के बीच सत्तापक्ष के सदस्यों ने कहा कि पहले प्रश्नकाल चलने दिया जाए। इसके बाद आप मुद्दा उठा लेना। प्रश्नकाल से ज्यादा गंभीर कुछ नहीं होता है। सदस्यों के अधिकार का हनन मत कीजिए। आप आरोप लगाओ, हम भी जवाब दे देंगे।
भाजपा के सदस्यों ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में खुद उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे। उस समय आप कहां थे, यह सारी दुनिया को पता है। इस मुद्दे पर आप बोलने लायक नहीं हो।
इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा क्या आप इसलिए फोन टैप करा रहे हो? हमारे समय में फोन टैप हुए। यह गंभीर विषय है। एक कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है। एक साल से आप लोगों ने कैबिनेट मंत्री को दूर कर रखा है। उसने बीमारी के कारण छुट्टी ली है। जबकि कैबिनेट मंत्री दबाव में हैं। हंगामे के बीच सत्तापक्ष सदस्यों ने कहा कि आपने पांच साल तक विधायकों के फोन टैप किए। सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को जा रही है।
इसके बाद प्रतिपक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और सदन में मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, मुख्यमंत्री इस्तीफा दो की नारेबाजी करने लगे। करीब चार मिनट तक हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक चन्द्रभान का नाम पुकारा। इस पर मंत्री मदन दिलावर ने जवाब देना शुरू किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज सदन में मुख्यमंत्री की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रखी जाएंगी, लेकिन फिर भी काफी देर तक प्रतिपक्ष के हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलता रहा।