जयपुर

बचपन ला नहीं सकती… तो मैं हमेशा के लिए नींद में जा रही हूं, सुसाइड लेटर में छलका छात्रा दिव्या का दर्द

राजस्थान में कोचिंग छात्र—छात्राओं की आत्महत्या का सिलसिला नहीं थम रहा, अब जयपुर में छात्रा ने दी जान, पाली की रहने वाली थी छात्रा, एमएनआइटी में प्रथम वर्ष की थी छात्रा

2 min read

राजस्थान में कोचिंग छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। कोटा के बाद अब जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआइटी) स्थित हॉस्टल की छत से कूदकर एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल सका। पुलिस को छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट मिला है।

पुलिस ने बताया कि आत्महत्या करने वाली छात्रा दिव्या राज पाली जिले के नारलाई गांव की निवासी थी। वह एमएनआइटी में प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रही थी। मामले में पुलिस अन्य छात्राओं से पूछताछ कर रही है। छात्रा के मोबाइल की कॉल डिटेल व मैसेज की तस्दीक की जा रही है। घटना के बाद से हॉस्टल में रह रही छात्राओं में दहशत का माहौल है।

ऐसे छलका सुसाइड नोट में दर्द

पुलिस ने ​बताया कि दिव्या के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। ​सुसाइड नोट में दिव्या ने लिखा… गलती मेरी ही है, मैं ही इस दुनिया में नहीं जी सकती। लोग है यहां मेरी बातें सुनने को मैं बता ही नहीं सकती। सबसे ज्यादा खुश मैं या तो बचपन में थी या नींद में। अब बचपन तो वापस आ नहीं सकता तो मैं हमेशा की नींद में जा रही हूं। मौत के बाद क्या होता है नहीं पता पर शायद शान्ति तो होती ही होगी। आज अपने जिंदगी का सौदा उस शायद के नाम। निशा हो सके तो माफ कर देना। मम्मी-पापा और निशा एक दूसरे का ख्याल रखना। निशा का ख्याल रखना। सबको सॉरी

बहन से की थी बात

जयपुर पहुंचे परिजन घटना से पूरी तरह से सकते में है। परिजन ने बताया कि छह महीने पहले ही दिव्या ने यहां एडमिशन लिया था। रविवार रात नौ बजे दिव्या ने बहन निशा से 15 मिनट तक बात की है। उस समय भी ऐसा नहीं लगा कि वह किसी बात से तनाव में हो। इसके कुछ देर बाद ही यहां से उसके छठी मंजिल से कूदने का फोन आया। उन्होंने कहा कि दिव्या सुसाइड नहीं कर सकती। परिजन ने हत्या की आशंका जताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

Updated on:
20 Jan 2025 06:31 pm
Published on:
20 Jan 2025 02:16 pm
Also Read
View All

अगली खबर