जयपुर

Rajasthan : डिकॉय ऑपरेशन में खुली पोल; पुलिस-बजरी माफिया की सांठगांठ, 5 थानेदार निलंबित, 6 लाइन हाजिर

राजस्थान में बजरी के अवैध खनन और परिवहन को लेकर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पुलिस मुख्यालय ने बड़ा कदम उठाया है।

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Dec 22, 2025
बजरी। (फाइल फोटो-​पत्रिका)

जयपुर। राजस्थान में बजरी के अवैध खनन और परिवहन को लेकर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पुलिस मुख्यालय ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर महानिदेशक पुलिस राजीव शर्मा के आदेश से डिकॉय ऑपरेशन कराया गया, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में पाया गया कि अवैध बजरी से भरे डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉली दिन-रात कई थानों के सामने से गुजरते रहे, लेकिन संबंधित थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

बजरी माफिया से सीधी मिलीभगत उजागर होने पर 5 एसएचओ को निलंबित किया गया, जबकि 6 एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया है। साथ ही पुलिस मुख्यालय ने 15 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संबंधित एसपी और डीसीपी को निर्देश दिए हैं। विजिलेंस शाखा की 11 टीमों की ओर से किए गए इस ऑपरेशन में यह भी सामने आया कि कुछ थानों में बजरी माफिया से प्रति वाहन के हिसाब से अवैध लेन-देन की व्यवस्था बनी हुई थी।

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दो दिन चला ऑपरेशन, फिर कार्रवाई

विजिलेंस के एडीजी एस. सेंगाथिर के सुपरविजन में टीमों ने 18 व 19 दिसंबर को डिकॉय ऑपरेशन किया। दो दिनों में टीमों ने देखा कि थानों के सामने से अवैध बजरी से भरे वाहन बेखौफ आ-जा रहे थे। वहीं, कई थानों के पास ही अवैध बजरी का भंडारण किया गया था। यहां अवैध खनन कर बजरी पहुंचाई जाती और यहीं से आगे सप्लाई की जा रही थी। थाना पुलिस जानकारी होने के बावजूद लालच के चलते आंखें मूंदे बैठी थी।

इन थानों के एसएचओ को किया निलंबित व लाइन हाजिर

निलंबित किए गए थानेदारों में जयपुर के शिवदासपुरा थाना, टोंक के पीपलू व बरौनी, अजमेर के पीसांगन और धौलपुर के कोतवाली थाने के एसएचओ शामिल हैं। इन सभी थानेदारों की बजरी माफिया से सीधी मिलीभगत पाई गई है। अधिकारियों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। वहीं, भीलवाड़ा के गुलाबपुरा, कोटा शहर के कुन्हाड़ी थानाधिकारी, दौसा के लालसोट, चित्तौड़गढ़ के गंगरार और जोधपुर कमिश्नरेट के लूणी थाने के एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया है।

नवंबर में भी की गई थी जांच

पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले नवंबर माह में भी सतर्कता शाखा ने एक व्यापक अभियान चलाया था। उस दौरान जीरो एफआइआर दर्ज न करने, परिवादियों से दुर्व्यवहार, साइबर क्राइम की शिकायतों पर ढिलाई, एसपी कार्यालय में प्राप्त परिवादों में परिवाद अनुभाग की कार्यप्रणाली, थाना अधिकारियों की गश्त प्रणाली व कार्यशैली और महिला डेस्क पर आने वाली महिलाओं के साथ संवेदनहीन व्यवहार जैसे बिंदुओं पर डिकॉय ऑपरेशन किया गया था। थाना पुलिस के व्यवहार पर भी नजर रखी जा रही है।

डिकॉय ऑपरेशन जारी रहेंगे

संबंधित जिलों के एसपी और डीसीपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच करें। सरकार माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। समय-समय पर डिकॉय ऑपरेशन किए जाएंगे।
राजीव शर्मा, डीजीपी राजस्थान

Updated on:
22 Dec 2025 09:04 pm
Published on:
22 Dec 2025 08:49 pm
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