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Tonk News: प्रशासन का मौन, खुलेआम सरकारी नियमों की उड़ा रहे धज्जियां

मासी नदी क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन और बजरी भंडारण का काम चल रहा है। लेकिन संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।

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टोंक

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Santosh Trivedi

Dec 22, 2025

bajri news

मासी नदी किनारे बगड़ी रोड पर अवैध बजरी स्टॉक। Photo- Patrika

पीपलू.नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बगड़ी रोड स्थित मासी नदी क्षेत्र में अवैध बजरी का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। नदी किनारे बड़े पैमाने पर बजरी के स्टॉक जमा किए जा रहे हैं और सड़क किनारे से लेकर मुख्य मार्ग तक दिन-रात बजरी से भरे ट्रैक्टर बेधड़क दौड़ते नजर आ रहे हैं। यह अवैध गतिविधि न केवल सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, बल्कि पर्यावरण संतुलन, सड़क सुरक्षा और आमजन के जीवन पर भी गंभीर असर डाल रही है।

नदी की संरचना को नुकसान

स्थानीय लोगों का कहना है कि मासी नदी क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन और बजरी भंडारण का काम चल रहा है। नदी के प्राकृतिक बहाव क्षेत्र में भारी मशीनों और ट्रैक्टरों की आवाजाही से नदी की संरचना को नुकसान पहुंच रहा है। बजरी निकालने के कारण नदी का तल गहरा होता जा रहा है, जिससे भूजल स्तर प्रभावित होने की आशंका है। साथ ही, बरसात के दिनों में कटाव और बाढ़ जैसी स्थिति बनने का खतरा भी बढ़ गया है।

दुर्घटनाओं की आशंका

ग्रामीणों के अनुसार सड़क किनारे खुलेआम बजरी के ढेर लगे रहते हैं। इन ढेरों के कारण सड़क संकरी हो जाती है, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। रात के समय बिना किसी सुरक्षा उपायों के तेज रफ्तार ट्रैक्टरों का आवागमन राहगीरों और दोपहिया वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। धूल-मिट्टी के गुबार से आसपास के घरों और दुकानों में रहने वाले लोगों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

कोई ठोस कार्रवाई नहीं

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि यह अवैध कारोबार प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है, लेकिन संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। लोगों का सवाल है कि जब सड़क किनारे बजरी के ढेर और दिन-रात दौड़ते ट्रैक्टर आम लोगों को साफ दिखाई देते हैं, तो जिम्मेदार अधिकारियों को यह सब क्यों नहीं दिखताए क्या यह अनदेखी लापरवाही है या फिर जानबूझकर आंखें मूंदी जा रही हैं?

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायतें करने के बावजूद कार्रवाई केवल कागजों तक ही सीमित रह जाती है। कभी-कभार दिखावटी कार्रवाई के बाद फिर से वही स्थिति बन जाती है। इससे अवैध खनन करने वालों के हौसले और बुलंद हो गए हैं। आमजन का मानना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो मासी नदी क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन पूरी तरह बिगड़ सकता है।

तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए

नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध बजरी खनन, भंडारण और परिवहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए भारी जुर्माना और वाहन जब्ती की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी नियमों की अनदेखी करने का साहस न कर सके। साथ ही, नदी क्षेत्र की नियमित निगरानी और गश्त बढ़ाने की भी मांग की जा रही है।

पीपलू थाना अधिकारी रघुवीर सिंह राठौड़ से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि मामला अभी तक संज्ञान में नहीं था। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी और अवैध बजरी स्टॉक की जांच कर माफिया पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।