Jagdeep Dhankhar Resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजस्थान सहित पूरे देश की सियासत में हलचल मचा दी है। इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
Jagdeep Dhankhar Resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजस्थान सहित पूरे देश की सियासत में हलचल मचा दी है। इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी और आरएसएस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने इसे एक मामूली घटना मानने से इनकार करते हुए संदेह जताया है।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे बीजेपी-आरएसएस का कोई बड़ा राजनीतिक कदम हो सकता है जो देश से छिपाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे धनखड़ को मनाकर उनका इस्तीफा वापस करवाएं।
जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा पूरे देश, खासकर राजस्थान के लिए चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया हो। स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया है, लेकिन देशभर में चर्चा है कि इसके पीछे कोई और वजह है।
गहलोत ने संदेह जताया कि बीजेपी-आरएसएस का कोई बड़ा मूव हो सकता है, जिसे देश से छिपाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है। क्या कोई ऐसी बात है जो बीजेपी और आरएसएस देश से छुपा रहे हैं? यह सवाल हर किसी के मन में है।
गहलोत ने धनखड़ के किसान समुदाय से जुड़ाव को रेखांकित करते हुए कहा कि वे हमेशा संसद के अंदर और बाहर किसानों के मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्होंने एक बार कृषि मंत्री को भी किसानों के मुद्दे पर खरी-खोटी सुनाई थी। गहलोत ने जोधपुर में 10 दिन पहले दिए अपने बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष दबाव में काम कर रहे हैं। इस पर धनखड़ ने जयपुर में खंडन करते हुए कहा था कि वे दबाव में नहीं हैं।
गहलोत ने तंज कसते हुए कहा कि कहना और बात है, हकीकत कुछ और होती है। धनखड़ का अचानक इस्तीफा इस बात का सबूत है कि वे दबाव में थे।
गहलोत ने कहा कि धनखड़ के इस्तीफे से राजस्थान को गहरा धक्का लगा है, क्योंकि वे न केवल राजस्थान के निवासी हैं, बल्कि किसानों की आवाज बुलंद करने वाले नेता भी हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के हार्ट ऑपरेशन होने पर भी इस्तीफे नहीं होते, फिर धनखड़ साहब ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा क्यों दिया? यह समझ से परे है। अशोक गहलोत ने इसे राजस्थान के गौरव पर चोट बताया और कहा कि आम जनता भी इस घटना से स्तब्ध है।
पूर्व सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि खबरें हैं कि सरकार धनखड़ को कोई फेयरवेल नहीं दे रही, जो बेहद चौंकाने वाला और दुखद है। उन्होंने कहा कि यह कई सवाल खड़े करता है। समय के साथ सच्चाई सामने आएगी कि आखिर क्या हुआ। गहलोत ने अपने 50 साल पुराने पारिवारिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि धनखड़ अपना इस्तीफा वापस लें। उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को आगे आकर धनखड़ को मनाना चाहिए।
गहलोत ने संकेत दिया कि धनखड़ का इस्तीफा बीजेपी-आरएसएस के किसी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का हिस्सा हो सकता है। उन्होंने कहा कि क्या यह कोई ऐसा मूव है, जिसे आरएसएस और बीजेपी छिपा रहे हैं? असलियत तो पीएम, गृह मंत्री या मोहन भागवत ही जानते हैं।