गोविंदगढ़ पुलिस थाने में कार छोड़ने और परिवादी के बेटे को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते थाने के सहायक उपनिरीक्षक शंकरलाल मीणा को एसीबी ने दबोचा हैं।
गोविंदगढ़ पुलिस थाने में कार छोड़ने और परिवादी के बेटे को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते थाने के सहायक उपनिरीक्षक शंकरलाल मीणा को एसीबी ने दबोचा हैं। एसीबी ने उसके कब्जे से थाने में बने अनुसंधान कक्ष से 5 हजार रुपए की राशि भी बरामद की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी संदीप सारस्वत ने बताया कि पुलिस थाने में दर्ज मुकदमे में जब्त कार को छोड़ने के एवज में सहायक उपनिरीक्षक ने परिवादी से 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। परिवादी की शिकायत की जांच करवाई तो मामला सही पाया गया। पकड़ने के लिए जाल बिछाया एवं परिवादी को 5 हजार देकर थाने में भेजा।
आरोपी सहायक उपनिरीक्षक ने पहले 5 हजार देने पर ही कार की चाबी देने व जब्त कार छोड़ने को कहा। इस पर 5 हजार को आरोपी ने अनुसंधान कक्ष में टेबल की दराज में रख दिए। इस पर एसीबी टीम में शामिल निरीक्षक रघुवीर शरण व अन्य ने दबोच लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सारस्वत ने बताया कि जांच में सामने आया है कि परिवादी को छोड़ने के नाम पर पहले भी 65 हजार रुपए की वसूली की है।
परिवादी के अनुसार जुलाई माह में एक पेट्रोल पंप संचालक ने पेट्रोल भरवाकर बिना भुगतान किए कार भगाकर ले जाने के संबंध में थाने में मामला दर्ज करवाया था। कार मालिक को पुलिस जयपुर से पकड़कर थाने लेकर आई और सीओ के समक्ष पेश किया था। उसने बताया था कि कार उसके दोस्त को दी थी, वहीं चला रहा था, लेकिन पुलिस ने दबाव बनाकर कबूल करने के लिए कहा कि वह खुद कार चला रहा था। उसे छोड़ने की एवज में भी घरवालों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया। फिर कार छोड़ने के एवज में 5 हजार रुपए मांगे गए। परिवादी ने सीओ पर भी उस दौरान डराने धमकाने का अरोप लगाया है। इधर, सीओ राजेश जांगिड़ ने आरोप बेबुनियाद बताए है।