Bhankrota LPG tanker blast: कलक्टर ने भांकरोटा हादसे से सबक लेते हुए हाईवे पर निश्चित दूरी पर एम्बुलेंस की सुविधा होने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि दुर्घटना के बाद जल्द से जल्द मौके पर पहुंचा जा सके और घायल को हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके।
Jaipur Gas Blast: भांकरोटा इलाके में हुए गैस टैंकर ब्लास्ट के बाद जयपुर कलक्टर ने इन घटनाओं के लिए स्पीड को जिम्मेदार माना है। कलक्टर ने हाल ही नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ), पीडब्ल्यूडी, जेडीए और नगर निगम समेत अन्य एजेंसियों को पत्र लिखा है।
कलक्टर ने भांकरोटा हादसे से सबक लेते हुए हाईवे पर निश्चित दूरी पर एम्बुलेंस की सुविधा होने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि दुर्घटना के बाद जल्द से जल्द मौके पर पहुंचा जा सके और घायल को हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके। इसके लिए उन्होंने एक इमरजेंसी मेडिकल प्लान भी हाईवे के लिए तैयार करने के निर्देश दिए। राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से मामला उठाकर बताया कि भांकरोटा अग्निकांड के बाद घायलों को लंबी दूरी तय कर एसएमएस अस्पताल लाया गया।
कंटेनर से टक्कर लगने के बाद गैस टैंकर में आग लगने से बर्निंग हाईवे बना जयपुर-अजमेर मार्ग की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने सुध ली। अग्निकांड के बाद राजस्थान पत्रिका में जयपुर-अजमेर हाईवे पर दो सौ फीट चौराहा से टोल तक की बदहाली के बारे में बताया गया। हाईवे पर मनमर्जी का तिराहा-चौराहा या फिर यू-टर्न बनाए गए हैं।
कमला नेहरू नगर पुलिया तैयार होने के बाद भी चालू नहीं की जा रही थी। खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिया को चालू कर दिया गया। हाईवे पर गुरुवार को बड़ के बालाजी व बगरू थाना कट को बंद कर दिया गया। गौरतलब है कि अब भी हाईवे पर डीपीएस कट के हालात जस के तस हैं। वहीं कई जगह सर्विस लेन के कट कुछ मीटर दूरी पर खुले हैं। इन कट से भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
इसमें मुख्य सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गों, स्टेट हाईवे आदि जगह, जहां कट हैं या यू-टर्न की स्थिति है, उन जगहों से कुछ दूर पहले रंबल स्ट्रिप्स बनाने के निर्देश दिए हैं। इन रंबल स्ट्रिप्स से पहले कैट्स आई, नियोन साइनेज लगाने को कहा है, ताकि इन कट, यू-टर्न के पास मुख्य रोड से आने वाले ट्रैफिक की स्पीड को कंट्रोल किया जा सके।
कलक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी की ओर से लिखे पत्र में कहा कि ये काम जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू जिले की सीमा में आने वाले तमाम स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे मुख्य ग्रामीण सड़क, शहरों की मुख्य सड़कों पर किया जाए।
दरअसल, शहर की सड़कों या हाईवे के बीच इस तरह कट या यू-टर्न के पास स्पीड बैरियर या साइनेज नहीं होने और ट्रैफिक लाइट बंद होने के कारण वाहन चालक तेजी से निकलने का प्रयास करते हैं। कोहरे या अंधेरे में जल्दबाजी में निकलना दुर्घटना का कारण बनता है।
कट या यूटर्न से 150 से 200 मीटर पहले अगर रंबल स्ट्रिप्स और उसकी पहचान के लिए कैट्स आई, नियोन साइनेज लगे हों तो वाहन चालक की स्पीड को कंट्रोल किया जा सकता है। स्टेट और नेशनल हाईवे पर बने तमाम कट पर रोड सेफ्टी तकनीकी टीम से एक सर्वे करवाएं।