जयपुर

जयपुर शहर में ब्लैकआउट का खतरा! 9 ग्रिड स्टेशनों पर क्षमता से ज्यादा लोड, इंजीनियरों ने किया ये दावा

Jaipur News: जयपुर के बिजली तंत्र में तकनीकी खतरा बढ़ता जा रहा है। साल 2024-25 की पीक लोड रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 132 केवी के 15 ग्रिड स्टेशनों में 9 पर क्षमता से ज्यादा लोड है। कई ट्रांसफॉर्मर 75% सीमा के बजाय 90 एमवीए से अधिक लोड पर चल रहे हैं।

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Jul 16, 2025
Jaipur City Faces Blackout Risk (Patrika Photo)

Jaipur News: जयपुर शहर का विद्युत प्रसारण तंत्र राज्य में रोल मॉडल माना जाता है। लेकिन 2024-25 की पीक लोड रिपोर्ट ने विद्युत प्रसारण तंत्र की कमजोर कड़ी उजागर कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, शहर के 132 केवी के 15 ग्रिड स्टेशनों में से 9 पर लोड उनकी निर्धारित क्षमता से अधिक हो गया है। यह स्थिति तकनीकी दृष्टि से गंभीर मानी जा रही है और ब्लैकआउट का खतरा लगातार बना हुआ है।


प्रसारण निगम ने निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए शहर में 132 केवी के 15 ग्रिड स्टेशन स्थापित किए हैं। इनमें लगे ट्रांसफॉर्मर अधिकतम 75 प्रतिशत लोड पर ही चलने चाहिए, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार कई ट्रांसफॉर्मर 90 एमवीए से अधिक लोड पर चल रहे हैं, जो इनकी तकनीकी सीमा से ज्यादा है।

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सीतापुरा ग्रिड स्टेशन ओवरलोड


रिपोर्ट के अनुसार, सीतापुरा स्थित 132 केवी ग्रिड स्टेशन की स्थापित क्षमता 125 एमवीए है, जबकि पीक लोड 127.74 एमवीए दर्ज किया गया। इसी तरह एमएनआईटी ग्रिड पर 100 एमवीए की तुलना में 90.62 एमवीए का लोड रहा। चंबल ग्रिड की क्षमता 150 एमवीए है और उस पर 122.03 एमवीए का लोड रहा। जवाहर नगर, पीडब्ल्यूडी बंगला, एसएमएस स्टेडियम और पुरानाघाट सहित अन्य ग्रिड पर भी यह स्थिति देखी गई।


शहर के प्रमुख ग्रिड स्टेशनों की स्थिति, ग्रिड क्षमता पीक लोडस्टेशन (एमवीए में)


-सीतापुरा 125 127.74
-एमएनआईटी 100 90.62
-सरना डूंगर 50 45.60
-पीडब्ल्यूडी बंगला 100 81.43
-एसएमएस स्टेडियम 100 85.53
-चंबल 150 122.03
-जवाहर नगर 175 146.83
-पुराना घाट 100 84.16
-भांकरोटा 75 68


शहर में 10 लाख उपभोक्ता


ये सभी ग्रिड स्टेशन जयपुर शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था की रीढ़ हैं और इन पर 10 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की निर्भरता है। ऐसे में यदि किसी ग्रिड पर ट्रिपिंग होती है तो पूरे क्षेत्र में बिजली गुल होने की आशंका रहती है।


24 घंटे होती है निगरानी


ग्रिड स्टेशनों की यह स्थिति प्रसारण निगम के इंजीनियरों के लिए चिंता का विषय बन गई है। इंजीनियर लगातार इन ग्रिडों पर नजर रख रहे हैं, ताकि किसी भी तरह की तकनीकी बाधा को समय रहते रोका जा सके।


अब स्थिति वैसी नहीं है। हमने अधिकतर 132 केवी ग्रिड स्टेशनों की क्षमता बढ़ा दी है और उन्हें अपग्रेड कर दिया है। कुछ ग्रिड अंडरलोड भी हैं। अनावश्यक क्षमता बढ़ाने से खर्च भी बढ़ता है।

केके मीणा, जोनल चीफ इंजीनियर (टीएंडसी), प्रसारण निगम, जयपुर

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Updated on:
16 Jul 2025 07:23 am
Published on:
16 Jul 2025 07:22 am
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