हादसे के बाद 71 साल की प्रेम देवी भरी आंखों से बोलीं, दोनों बच्चे मछली की तरह जमीन पर तड़प रहे थे। चिल्ला रहे थे कि मेरी मां-दादी को बचा लो...फिर याद आया सुभाष चौक में ही पानों का दरीबा स्थित छील का कुआं मोहल्ले में छह सितंबर को हुआ हादसा।
जयपुर: शहर के सुभाष चौक स्थित झिलाई हाउस में गुरुवार सुबह का वो मंजर किसी के भी दिल को चीरने के लिए काफी था। एक जर्जर मकान की दीवार ढही, मलबे में मासूम बच्चों की चीखें गूंज उठीं…‘मां को बचा लो, दादी को बचा लो'…।
सात बरस की रीना कांपती आवाज में कहती रही, ‘मम्मी दादी को लेने अंदर गईं तो दीवार गिर पड़ी…मम्मी दादी को बचाने उनके ऊपर लेट गईं…’बहू सुनीता ने सास धन्नी बाई को बचाने में जान लगा दी, लेकिन वह उसे बचा न पाई और खुद जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।
चारों तरफ मलबा, आंसू और बेबसी का मंजर…जिसने देखा, उसकी आंखें नम हो गईं। हादसे के बाद आसपास की महिलाओं में आक्रोश फूट पड़ा। पड़ोसी प्रेम देवी ने बताया कि गुरुवार सुबह धमाके जैसी आवाज सुनकर लोग मौके पर दौड़े। सुनीता के दोनों बच्चे रीना और प्रिंस चीख रहे थे। पूरा मकान मलबे में तब्दील हो गया था।
स्थानीय लोगों ने पत्थर हटाकर सास-बहू को बाहर निकाला। लेकिन धन्नी बाई ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। सुनीता और धन्नी बाई ने कई बार मकान मालिक से जर्जर मकान की मरम्मत की मांग की थी। लेकिन कोई सुधार नहीं किया गया।
अब सुनीता के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पति की बीमारी से पहले ही मौत हो चुकी है। वह एक निजी स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है और घरों में भी काम करती है। सास बच्चों को संभालती थी।
धन्नी बाई की पड़ोसन प्रेमलता हादसे के बाद सदमे में है। उसने कहा कि उसका घर भी जर्जर है और कभी भी हादसा हो सकता है। वह दो बेटों के साथ ऐसे ही कमरे में रह रही है। हादसे के बाद उसका बेटा बलदेव राज भी डर से सहमा हुआ बैठा था।
स्थानीय निवासी विमला शर्मा ने बताया कि हादसा सुबह करीब 6.50 बजे हुआ। करीब पांच मिनट बाद पुलिस पहुंच गई। स्थानीय लोगों ने ही सास-बहू को मलबे से बाहर निकाला। कई बार फोन करने के बाद लगभग 7:30 बजे एंबुलेंस आई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। करीब 7:45 बजे सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची और मलबे पर चढ़कर फोटो खिंचवाई। बाद में मीडिया में कहा कि सिविल डिफेंस ने सास-बहू को निकाला। विमला ने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह झूठ है।
सुभाष चौक क्षेत्र में पानों का दरीबा स्थित छील का कुआं मोहल्ले में 12 दिन पहले ही 6 सितंबर को एक जर्जर मकान गिरा था, जिसमें पिता-पुत्री की मौत हो गई थी। तब भी मकान मालकिन पर मरम्मत नहीं कराने के आरोप लगे थे।
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पीड़ित परिवार के लिए 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की। इस पर स्थानीय लोगों ने कहा कि इतनी मदद तो हम पड़ोसी ही कर देंगे।