
Rajasthan High Court (Patrika Photo)
संगरिया (हनुमानगढ़): तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़ी कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती में कथित धांधली के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है। जस्टिस मुन्नूरी लक्ष्मण की एकलपीठ ने साफ किया कि जब तक याचिका का अंतिम निस्तारण नहीं होता, तब तक इस भर्ती का कोई परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर तय की है। 14 अभ्यर्थियों ने इस संबंध में याचिका दायर की थी। इनमें गांव दीनगढ़ के सिकंदर कड़वासरा, छानीबड़ी (भादरा) निवासी विक्रम सिंह समेत 14 अभ्यर्थी शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है चयन प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुई हैं। जांच पूरी हुए बिना परिणाम घोषित करना न्याय संगत नहीं है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता जयदीप सिंह सलूजा ने पक्ष रखा। जबकि राज्य सरकार की ओर से एएजी आईआर चौधरी आदि अधिवक्ताओं ने पैरवी की। जयपुर स्थित कर्मचारी चयन बोर्ड ने कनिष्ठ अनुदेशक (रोजगार कौशल) योग्यता के 158 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित की थी। विज्ञप्ति में स्पष्ट उल्लेख किया था कि सीएसटीएआरआई कोलकाता से प्रशिक्षक प्रशिक्षण कोर्स की योग्यता अनिवार्य होगी।
आवेदन की अंतिम तिथि 5 अप्रैल 2024 तक या तो अभ्यर्थी ने यह कोर्स पूरा कर लिया हो या उसमें विधिवत प्रवेश लिया हो। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि कई अभ्यर्थियों ने अंतिम तिथि तक न तो कोर्स पूरा किया और न उसमें प्रवेश लिया। इसके बावजूद उन्होंने आवेदन कर परीक्षा दी और उत्तीर्ण हो गए।
दस्तावेज सत्यापन के समय कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग ने विज्ञप्ति की शर्तों की अनदेखी कर ऐसे अभ्यर्थियों को पात्र घोषित कर दिया। इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई। सुनवाई के बाद न्यायालय ने 16 सितंबर को आदेश पारित किया कि भर्ती परिणाम फिलहाल घोषित नहीं होगा।
यह अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा। साथ ही राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के आदेश से भर्ती परीक्षा में शामिल सैंकड़ों अभ्यर्थियों का भविष्य फिलहाल अधर में है। सबकी निगाहें आठ अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।
Published on:
19 Sept 2025 07:15 am
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