Diabetes Awareness: कम उम्र में कंधा जाम: डायबिटीज से बढ़ रहा फ्रोजन शोल्डर का खतरा। सेसिकॉन-2025 में चेतावनी: हर पांच में एक डायबिटीज मरीज को कंधे की जकड़न।
Diabetic Complications: जयपुर। बढ़ती डायबिटीज अब केवल ब्लड शुगर की समस्या नहीं रही, बल्कि इसका असर शरीर के कई हिस्सों पर दिखाई देने लगा है। विशेष रूप से कंधे के दर्द और मूवमेंट में कमी यानी फ्रोजन शोल्डर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। पहले जहां यह समस्या 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पाई जाती थी, वहीं अब 30 से 40 वर्ष के युवाओं में भी यह तेजी से देखी जा रही है।
जयपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस सेसिकॉन-2025 में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने इस विषय पर गंभीर चिंता व्यक्त की। शोल्डर एंड एल्बो सोसायटी ऑफ इंडिया (सेसी) की इस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के डॉ. विश्वदीप शर्मा ने बताया कि भारत में लगभग 20 प्रतिशत डायबिटीज मरीज फ्रोजन शोल्डर से जूझ रहे हैं। वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र के 30 प्रतिशत और 80 वर्ष से ज्यादा आयु के करीब 40 प्रतिशत लोगों में यह समस्या पाई जाती है।
विशेषज्ञों ने बताया कि फ्रोजन शोल्डर में कंधे में लगातार दर्द बना रहता है और धीरे-धीरे हाथ की मूवमेंट में कमी आने लगती है। मरीजों को कपड़े पहनने, चीजें उठाने या सिर के ऊपर हाथ ले जाने में कठिनाई होती है। अगर एक कंधे में यह समस्या एक वर्ष तक बनी रहे, तो दूसरे कंधे पर भी इसका असर पड़ सकता है।
आयोजन अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन के दूसरे दिन शोल्डर इंस्टेबिलिट और लार्ज कफ टियर्स के इलाज पर विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। विशेषज्ञों ने कहा कि अब बायोकंपोजिट इंप्लांट कंधे की जटिल समस्याओं के इलाज में नई क्रांति ला रहे हैं। ये इंप्लांट बायोटेक्नोलॉजी से तैयार किए जाते हैं और सर्जरी के दौरान मात्र पांच मिनट में लगाए जा सकते हैं।
इन इंप्लांट्स को आर्थ्रोस्कोपी (दूरबीन तकनीक) से जोड़ा जाता है और छह माह में ये शरीर में घुलकर मांसपेशी का हिस्सा बन जाते हैं। वहीं न्यूजीलैंड से आए डॉ. मार्क हर्न ने बताया कि अब एआई असिस्टेड रोबोटिक सर्जर से शोल्डर रिप्लेसमेंट के परिणाम पहले से कहीं अधिक बेहतर मिल रहे हैं।
विशेषज्ञों ने सलाह दी कि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति यदि कंधे में हल्का दर्द या जकड़न महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती चरण में इलाज से न केवल दर्द कम किया जा सकता है, बल्कि फ्रोजन शोल्डर की समस्या को बढ़ने से भी रोका जा सकता है। यह जागरूकता ही आने वाले समय में डायबिटीज से जुड़ी इस नई चुनौती से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।