लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बनने बनी है। हालांकि ओम बिरला का स्पीकर बनना लगभग तय माना जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर सत्तारूढ़ जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच आम सहमति नहीं बनने और दोनों पक्षों के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के बाद आजाद भारत के इतिहास में तीसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की स्थिति बन रही है। इसमें सत्ता पक्ष की ओर से पिछले अध्यक्ष ओम बिरला और विपक्ष की ओर से कोडिकुन्निल सुरेश आमने- सामने हैं।
राजस्थान की कोटा संसदीय सीट से लगातार तीसरी बार जीतकर आए भाजपा के ओम बिरला ने सत्ता पक्ष की ओर से जबकि कांग्रेस के केरल से जीतकर आए आठ बार के सांसद सुरेश ने विपक्ष की ओर से नामांकन पत्र दायर किया है। हालांकि अब भी आम सहमति के प्रयास जारी हैं। यदि अंतिम समय तक आम सहमति नहीं बनी तो बुधवार को सुबह 11 बजे चुनाव कराया जाएगा।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सत्ता पक्ष ने सर्वसम्मति बनाने के लिए विपक्ष के सभी दलों से बात की है लेकिन विपक्ष ने इसके लिए उपाध्यक्ष पद की जो शर्त लगाई है वह ठीक नहीं है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यदि विपक्ष को उपाध्यक्ष पद दिया जाता है तो वह लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए सत्ता पक्ष के साथ सर्वसम्मति के लिए तैयार है।
लोकसभा के गणित को देखते हुए बिरला की जीत आसान दिख रही है। हालांकि दोनों ओर से बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। जोड़-तोड़ की कोशिश चल रही है।
स्पीकर का चुनाव एनडीए और इंडिया गठबंधन की परीक्षा भी है। इससे गठबंधन में सहयोगियों के साथ होने और नहीं होने का पता चल जाएगा।