Rajasthan Mandapam: जयपुर के डोल का बाड़ में 60 से अधिक जड़ी-बूटियों के पेड़ हैं। पक्षियों की 74 प्रजातियां भी हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने यहां फिनटेक पार्क विकसित करने का काम शुरू किया था, उस समय भी संगठनों ने भारी विरोध किया था।
एक तरफ सरकारी महकमे हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर पौधे लगाते हैं और दूसरी ओर वर्षों पुराने पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने की तैयारी की जा रही है। राजस्थान के जयपुर बी-टू-बाइपास स्थित डोल का बाड़ में राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (रीको) की जमीन पर राजस्थान मंडपम और यूनिटी मॉल प्रस्तावित है।
निर्माण कार्य की तैयारी शुरू हो चुकी है और मौके पर बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। जबकि, उक्त जमीन पर वर्षों पुराने पेड़ खड़े हैं और इनमें सैकड़ों पक्षियों का बसेरा भी है। यही वजह है कि इन प्रोजेक्ट्स का कुछ संगठन विरोध भी कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि ये प्रोजेक्ट यहां से शिफ्ट किए जाएं। इन संगठनों की ओर से पेड़ों की गिनती भी की गई है। यहां पेड़ों की संख्या 2421 बताई गई है।
यूनिटी मॉल में स्वदेशी प्रोडक्ट के अलावा हैंडीक्राट और जीआइ प्रोडेक्ट को बढ़ावा दिया जाएगा। इसे राजस्थान सरकार 15125 वर्गमीटर में विकसित करने का प्लान बना रही है। रीको को नोडल विभाग बनाया गया है।
डोल का बाड़ में 60 से अधिक जड़ी-बूटियों के पेड़ हैं। पक्षियों की 74 प्रजातियां भी हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने यहां फिनटेक पार्क विकसित करने का काम शुरू किया था, उस समय भी संगठनों ने भारी विरोध किया था।
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इस जमीन पर सरकार को बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करना चाहिए। आस-पास की कॉलोनियों की आबोहवा भी अच्छी बनी रहेगी। इसमें लोगों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताना चाहिए। इससे लोगों में जागरूकता आएगी। यदि यहां क्रंक्रीट के जंगल खड़े कर दिए गए तो भविष्य में इसका भारी नुकसान होगा।