बैंडविथ जितनी ज्यादा होगी, इंटरनेट और वॉयस कनेक्टिविटी उतनी ही बेहतर होगी। मौजूदा 2जी, 3जी व 4जी के मुकाबले 5जी में ज्यादा बैंडविथ उपलब्ध होगी। ज्यादा बैंडविथ के लिए कई गुना ज्यादा मोबाइल टावर की जरूरत है।
मोबाइल पर बात करते समय कॉल कटने (कॉल ड्रॉप) की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। मंगलवार को तो शहर में परेशानी बढ़ गई। लोगों को बात करने के लिए कई बार कॉल करना पड़ा। इससे चिड़चडापन भी बढ़ता रहा। परेशान उपभोक्ताओं ने मोबाइल ऑपरेटर के कस्टमर केयर पर भी कई बार कॉल किया, लेकिन वहां समस्या सुनने के अलावा समाधान के लिए कुछ नहीं किया गया। इस स्थिति से परेशान उपभोक्ताओं को मजबूरन डेटा कॉलिंग पर डायवर्ट होना पड़ रहा है।
परेशानी: मोबाइल ऑपरेटरों का इन्फ्रास्ट्रचर बहुत ज्यादा अपग्रेड नहीं, जिसके कारण दिक्कत। नेटवर्क समस्या, कॉल ड्राप होने का सिलसिला बढ़ा। लेकिन अनलिमिटेड कॉल सुविधा होने के कारण कागजों में शिकायत संख्या कम है, क्योंकि उपभोक्ता कॉल ड्रॉप होते ही दोबारा कॉल मिला लेते हैं।
समाधान: बैंडविथ जितनी ज्यादा होगी, इंटरनेट और वॉयस कनेक्टिविटी उतनी ही बेहतर होगी। मौजूदा 2जी, 3जी व 4जी के मुकाबले 5जी में ज्यादा बैंडविथ उपलब्ध होगी। ज्यादा बैंडविथ के लिए कई गुना ज्यादा मोबाइल टावर की जरूरत है।
ट्राई ने तकनीकी खामी के कारण 2 प्रतिशत कॉल ड्राप को छूट के दायरे में ले रखा है, लेकिन इससे ज्यादा होने पर पेनल्टी का प्रावधान है।
बीएसएनएल, रिलायंस जिओ, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया (वीआई)