Mock Drill in Rajasthan: देशभर में 7 मई को होने जा रही राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के तहत जयपुर में भी व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
Mock Drill in Rajasthan: देशभर में 7 मई को होने जा रही राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के तहत जयपुर में भी व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य हवाई हमले जैसी आपातकालीन स्थिति में नागरिकों, संस्थानों और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता, प्रतिक्रिया और समन्वय का आकलन करना है। जयपुर में यह मॉक ड्रिल दो चरणों में होगी, पहला चरण शाम 4 बजे, जबकि दूसरा रात के समय ब्लैकआउट अभ्यास के रूप में किया जाएगा।
जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि शहर में करीब 22 लोकेशन्स पर हूटर लगाए गए हैं, जहां से शाम 4:00 बजे एक साथ चेतावनी सायरन बजाया जाएगा। इस दौरान नागरिकों को बताया जाएगा कि आपातकाल में किस तरह की सावधानी और प्रतिक्रिया अपेक्षित है।
बता दें, जयपुर में करीब 2 दर्जन जगहों पर सायरन बजाकर मॉक ड्रिल किया जाएगा। इनमें से प्रमुख स्थान जिला कलेक्ट्रेट, शास्त्री नगर, पावर हाउस, चांदपोल पावर हाउस, चौगान स्टेडियम, एमआई रोड BSNL ऑफिस, घाटगेट सेंट्रल जेल के पास, राजभवन, सचिवालय, आमेर जोरावर सिंह गेट, MNIT, बजाज नगर और दुर्गापुरा जैसे इलाके हैं।
दूसरे चरण में रात के समय ब्लैकआउट सिचुएशन का अभ्यास कराया जाएगा, जिसमें लाइट्स बंद रखी जाएंगी और नागरिकों को दिखाया जाएगा कि कैसे वे बिना बिजली के सुरक्षा और संवाद की स्थिति संभाल सकते हैं। इसके जरिए ब्लैकआउट उपायों की प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।
मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय में अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्य सचिव सुधांश पंत ने VC के जरिए निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त पूनम, पुलिस महानिरीक्षक अजय पाल लांबा, NDMA, NDRF, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस और अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल रहे।
1. हवाई हमले के सायरन की जांच और उसके प्रति जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2. हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को अलर्ट करना।
3. हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।
4. दुश्मन के विमानों से बचाव के लिए संयंत्रों को ढंकने और छुपाने की ट्रेनिंग।
5. हमले के संभावित स्थानों को खाली कराने का रिहर्सल।
6. नागरिक प्रशिक्षण – प्राथमिक उपचार, टॉर्च, मोमबत्ती, मोबाइल चार्ज रखना, गर्भवती महिलाओं, बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था, कैश अपने पास रखना (इंटरनेट बाधा की स्थिति में)
7. विभिन्न सेवाओं की त्वरित प्रतिक्रिया का मूल्यांकन – फायर ब्रिगेड, बचाव दल, वार्डन सेवा
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने देशभर में सुरक्षा इंतजामों को मजबूत करने के तहत 244 जिलों में मॉक ड्रिल कराने का निर्णय लिया है। यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की कसौटी बनेगी, बल्कि आम नागरिकों को भी आपात स्थिति में सतर्क और सुरक्षित रहने का प्रशिक्षण देगी।