जयपुर

नरेश मीणा थप्पड़ कांड: समरावता हिंसा मामले में सरकार से इन मांगों पर बनी सहमती, जांच पर क्यों हुआ विवाद?

Naresh Meena slap incident: देवली-उनियारा ब्लॉक के समरावता गांव में उपचुनाव की वोटिंग के दिन हुई हिंसा को लेकर मंगलवार को गृह राज्यमंत्री के घर बड़ी बैठक हुई।

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Nov 19, 2024

Samravata Village Violence Case: देवली-उनियारा ब्लॉक के समरावता गांव में उपचुनाव की वोटिंग के दिन हुई हिंसा को लेकर मंगलवार को गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के घर बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के बीच कई मांगो पर सहमती बनी।

मीटिंग के बाद मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, जवाहर सिंह बेढ़म और कन्हैया लाल ने एक प्रेसवार्ता कर संयुक्त बयान जारी किया था। इसमें समरावता गांव में हुई हिंसा की जांच संभागीय आयुक्त स्तर पर कराने पर सहमति बनने की जानकारी दी।

इन मांगों पर बनी सहमती

दरअसल, मंत्री बेढ़म के घर हुई बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हमारा मन बन गया है, हम इनके हर तरह के नुकसान की भरपाई करेंगे। एक असेसमेंट रिपोर्ट बनाई जाएगी, जिसमें किसका कितना नुकसान हुआ, इसका जिक्र होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही लोगों के इलाज, मकान और वाहन में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।

किरोड़ी लाल मीणा ने जानकारी दी कि 9 निर्दोष लोगों को छोड़ दिया गया है। वहीं, 35 बाइक, 7 कार का नुकसान हुआ, इसमें पुलिस के भी वाहन शामिल है, जिनकी संभागीय आयुक्त जांच करेगा। जिससे कि सीमित समय में लोगों को न्याय मिल सके। इसके साथ समरावता सहित पांच ग्राम पंचायतों को देवली उपखंड से हटाकर उनियारा उपखंड में शामिल करने पर भी सहमति बन गई है।

उन्होंने कहा इस जांच रिपोर्ट में कितना समय लगेगा और कब तक ग्रामीणों को मदद मिल जाएगी, इसकी जानकारी मुख्यमंत्री से मीटिंग के बाद ही मिल पाएगी। किरोड़ी लाल मीणा ने प्रेसवार्ता में बताया कि समरावता सहित 8 गांव उनियारा में मिलाए जाएंगे। बताते चलें कि गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के बीच हुई वार्ता में यह सहमति बनी।

जांच पर क्यों हुआ विवाद?

बता दें, तीन मंत्रियों की समरावता हिंसा मामले को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विवाद भी खड़ा हो गया। हुआ यूं कि जब प्रेसवार्ता में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने संभागीय आयुक्त से जांच कराने पर सहमति बनने की जानकारी दी थी। इसके बाद मौके पर मौजूद कुछ ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जता दी। एक ग्रामीण ने कहा कि हम संभागीय आयुक्त स्तर पर होने वाली जांच से सहमत नहीं हैं। हम चाहते हैं कि हिंसा की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

इस बात का पता चलने पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपनी गाड़ी से नीचे उतरकर ग्रामीणों की गाड़ी के पास आए और उन पर भड़क गए। किरोड़ी ने कहा कि तुम लोग लोगों से बात होने के बाद ही हमने मीडिया में बयान जारी किया था। अब तुम लोग बदल-बदल कर बयान क्यों दे रहे हो? हालांकि, बाद में ग्रामीण संभागीय आयुक्त से जांच की मांग पर सहमत हो गए और मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रवाना हुए।

ये था समरावता हिंसा मामला?

मालूम हो कि 13 नवंबर को उपचुनाव में वोटिंग के दिन देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था। इसी दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने ग्रामीणों का समर्थन किया और उनके साथ धरने पर बैठ गए। इसी बीच नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी पर जबरदस्ती मतदान करवाने का आरोप लगाकर चांटा जड़ दिया था। इसके बाद यहां जबरदस्त हंगामा हुआ। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ।

हंगामा बढ़ता देख नरेश मीणा ने अपने समर्थकों के साथ समरावता गांव में ही पड़ाव डाल दिया। इसी बीच नरेश मीणा ने समर्थकों से विवादित अपील करते हुए जेली-फावड़ों के साथ घटनास्थल पर इकठ्ठा होने का आह्वान भी किया। वहीं, देर रात पुलिस और गांववालों के बीच झड़प हो गई जो देखते ही देखते आगजनी में बदल गई। इस घटना में करीब बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे, इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल थे। कई गाड़ियों-बाइको में आग लगा दी गई थी।

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