मजबूरी में कई मरीजों का इलाज लक्षणों के आधार पर शुरू किया जा रहा है, जो भविष्य में गंभीर खतरा बन सकता है। राजस्थान में 631 सीबी नाट और ट्रू नाट मशीनें हैं। जिनमें 193 सीबी नाट और 438 ट्रू नाट शामिल हैं।
जयपुर. टीबी मुक्त भारत के राष्ट्रीय संकल्प को राजस्थान में बड़ा झटका लगा है। एक माह से प्रदेश भर में टीबी जांच की रीढ़ मानी जाने वाली अत्याधुनिक सीबी नाट और ट्रूनाट मशीनें जरूरी कार्ट्रिज और चिप के अभाव में लगभग ठप पड़ी हैं। इसका सीधा असर टीबी के असली और गंभीर मरीजों की समय पर पहचान पर पड़ रहा है। दिल्ली स्थित सेंट्रल टीबी डिवीजन से स्टेट ड्रग हाउस को जांच किट की नियमित आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे जिलों तक पहुंचने वाली सप्लाई चेन बाधित हो गई है।
चिप खत्म होने के बाद अब संदिग्ध मरीजों की जांच केवल एक्स-रे, ब्लड टेस्ट और माइक्रोस्कॉपी से की जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इन पारंपरिक तरीकों की सटीकता सीबी-नाट के मुकाबले काफी कम है। मजबूरी में कई मरीजों का इलाज लक्षणों के आधार पर शुरू किया जा रहा है, जो भविष्य में गंभीर खतरा बन सकता है। राजस्थान में 631 सीबी नाट और ट्रूनाट मशीनें हैं। जिनमें 193 सीबी नाट और 438 ट्रूनाट शामिल हैं।
इन मशीनों पर रोजाना करीब 2000 जांचें होती हैं। बीते 10 से 15 दिनों से चिप और कार्ट्रिज की किल्लत के चलते यह पूरी व्यवस्था प्रभावित है। बताया जा रहा है कि इन जांच किटों का निर्माण एक ही कंपनी करती है और उसी की सप्लाई चेन में गड़बड़ी के कारण संकट गहराया है। राज्य टीबी नियंत्रण सेल ने राजस्थान सरकार, केंद्र सरकार और राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएमएससीएल) को पत्र लिखकर तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।
केन्द्र से सप्लाई नहीं आ रही है, लेकिन जल्द आने की उम्मीद है। हमने स्थानीय स्तर पर खरीद के लिए राज्य सरकार को आरएमएससीएल से खरीद के लिए लिखा है। बहुत जल्द सभी जिलों में सप्लाई बहाल कर दी जाएगी।
डॉ. पुरुषोत्तम सोनी, स्टेट टीबी ऑफिसर