सेंट्रल पार्क, रामनिवास बाग व जवाहर सर्कल सहित शहर के कई पार्कों में पौधों में जहरीला पानी दिया जा रहा है।
गिर्राज शर्मा
जयपुर। सेंट्रल पार्क, रामनिवास बाग व जवाहर सर्कल सहित शहर के कई पार्कों में पौधों में जहरीला पानी दिया जा रहा है। द्रव्यवती नदी के साथ कानोता बांध में भी प्रदूषित पानी ही बहा रहे हैं।
जेडीए और नगर निगम ने सीवरेज के पानी को उपचारित (ट्रीटेड) करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगा रखे हैं, लेकिन वे केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के तय मानकों के अनुसार पानी को उपचारित ही नहीं कर पा रहे हैं। पार्कों में प्रदूषित पानी जीव—जंतुओं व वहां घूमने आने वालों का स्वास्थ्य खराब कर रहा है। वहीं जमीन की उपजाउ क्षमता को भी प्रभावित कर रहा है।
शहर में जेडीए, नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड के 24 एसटीपी हैं। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की सितंबर माह की रिर्पोट के अनुसार 15 एसटीपी का ट्रीटेड पानी प्रदूषण नियंत्रण मानकों के अनुसार सही नहीं है, सिर्फ 6 एसटीपी का ट्रीटेड पानी ही मानकों के अनुसार सही है। जबकि 3 एसटीपी बंद पड़े हैं। इनमें नगर निगम का जयसिंहपुरा खोर में 50 एमएलडी एसटीपी तय मानकों के अनुसार सही नहीं चल रहा है। जबकि जेडीए का सेंट्रल पार्क, रामनिवास बाग व जवाहर सर्कल पर एक—एक एमएलडी के एसटीपी लगे हुए हैं, जिनका ट्रीटेड वाटर तय मानकों के अनुसार सही नहीं है। यह ट्रीटेड पानी पार्कों के पेड़—पौधों व घास में दिया जा रहा है।
जेडीए ने द्रव्यवती नदी को सुंदर व स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। इसमें सीवर लाइन के पानी को शुद्ध करने के लिए एसटीपी भी लगाए है, लेकिन इनमें तरुछाया नगर में 100 एमएलडी का एसटीपी, प्रताप नगर बंबाला में 25 एमएलडी और मानसरोवर देवरी में 15 एमएलडी के एसटीपी का ट्रीटेड पानी मानकों के अनुसार सही नहीं है। ऐसे में यह द्रव्यवती नदी के पानी को प्रदूषित कर रहा है।
- इंदिरा गांधी नगर
- मानसरोवर
- दस्तकार नगर, नायला
पौधों में ट्रीटेड पानी ही देते
पौधों में ट्रीटेड पानी ही देते हैं। ट्रीटेड पानी तय मानकों के अनुसार सही नहीं होने का मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है। अगर सही नहीं है तो जांच करवाएंगे।
- नीलोफर, वरिष्ठ उद्यानविज्ञ, जेडीए
स्वास्थ्य को भी कर रहा खराब
एसटीपी का ट्रीटेड पानी तय मानकों के अनुसार सही नहीं है तो वह भूजल को दूषित कर रहा है। पार्कों में आने वाले लोगों के स्वास्थ्य को भी खराब कर रहा है।
- डॉ. विजय सिंघल, पूर्व मुख्य अभियंता, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल