Rajasthan Assembly Session: राजस्थान विधानसभा का सत्र 31 जनवरी से शुरू होने वाला है। ऐसे में धर्मान्तरण रोकने सहित तीन विधेयकों पर चर्चा होना तय है। जानें-कौन कौनसे विधेयकों पर चर्चा है।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के इसी माह 31 जनवरी से शुरू होने वाले सत्र में धर्मान्तरण रोकने व मीसाबंदियों को पेंशन सम्बन्धी विधेयकों पर चर्चा होना लगभग तय है, वहीं भूजल संबंधी विधेयक प्रवर समिति के पास विचाराधीन है। इस बीच अजमेर में आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए भी इसी सत्र में विधेयक लाने की तैयारी शुरू हो गई है।
जून 1975 से मार्च 1977 के बीच आपातकाल के दौरान जेलों में रहे लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन देने के लिए विधानसभा के पिछले सत्र में विधेयक पेश हो चुका, लेकिन उस पर चर्चा नहीं हुई।
इसके अलावा जबरन या प्रलोभन देकर किए जाने वाले धर्मान्तरण के मामलों को रोकने के लिए तैयार विधेयक को कैबिनेट से मंजूर मिल चुकी है, जबकि भूजल संरक्षण के लिए प्राधिकरण बनाने के लिए पिछले साल विधानसभा में पेश विधेयक प्रवर समिति के पास विचाराधीन है। ऐसे में इन विधेयकों पर आने वाले विधानसभा सत्र में चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।
इसके अलावा अजमेर में आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए भी विधेयक तैयार किया जा रहा है, योग व प्राकृतिक चिकित्सा जैसे विषय भी शामिल होंगे। प्रदेश में जोधपुर में आयुष विवि पहले से ही है, ऐसे में यह प्रदेश का दूसरा आयुष विवि होगा।
अजमेर में पहले आयुष संस्थान के लिए भी स्वीकृति दी गई थी, लेकिन संस्थान शुरू नहीं हो पाया। ऐसे में अब विवि स्थापित किया जाएगा।
प्रलोभन अथवा कपटपूर्वक धर्मान्तरण के प्रयासों को रोकने के लिए दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024 विधानसभा में लाया जाएगा। अभी प्रदेश में अवैध रूप से धर्मान्तरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है।
इस विधेयक के कानून का रूप लेने पर कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति पर मिथ्या निरूपण, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव आदि का प्रयोग कर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे।
अगर कोई व्यक्ति विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है। इसमें अपराध को गैर-जमानती व संज्ञेय बनाया गया है।अन्य कई राज्यों में जबरन धर्मान्तरण को रोकने के लिए कानून लागू हैं।