जयपुर

राजस्थान में 1 साल के अंदर 19 लाख बच्चों ने लिया जन्म, जानें कितने लोगों की हुई मौत ?

Rajasthan birth-death: राजस्थान में पिछले साल 19 लाख से ज़्यादा बच्चों का जन्म हुआ, जबकि 4 लाख से ज़्यादा लोगों की मृत्यु दर्ज की गई। पुरुषों की मृत्यु दर महिलाओं से ज़्यादा रही, हालांकि लिंगानुपात में मामूली सुधार देखा गया है।

2 min read
Aug 13, 2025
राजस्थान में जन्म-मृत्यु का आंकड़ा (फोटो-एआई)

जयपुर। राजस्थान में बीते एक साल के भीतर 19 लाख से अधिक बच्चों ने जन्म लिया, जबकि इसी अवधि में 4 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु दर्ज की गई। यह जानकारी राज्य सरकार की जन्म-मृत्यु पंजीकरण की वार्षिक रिपोर्ट 2024 में सामने आई है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़े संभावित कुल जन्म और मृत्यु के केवल लगभग 97 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन पर आधारित हैं, इसलिए वास्तविक संख्या इससे अधिक हो सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में कुल 19,71,615 जन्म दर्ज किए गए, जो पिछले वर्ष 2023 में हुए 19,32,074 जन्मों से अधिक हैं। इन जन्मों में पुरुष शिशुओं की हिस्सेदारी 52.54 प्रतिशत रही, जबकि लड़कियों का अनुपात 47.45 प्रतिशत रहा। ट्रांसजेंडर शिशुओं की संख्या दोनों वर्षों में 0.01 प्रतिशत रही।

ये भी पढ़ें

नेत्रदान में राजस्थान के दूसरे स्थान पर है ये जिला, शादी समारोहों में भी दूल्हा-दुल्हन भरते हैं देहदान का संकल्प पत्र

महिलाओं से अधिक पुरुषों की मौत

इसी तरह, मृत्यु के आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2024 में राज्य में 4,74,072 लोगों की मौत दर्ज की गई, जो 2023 के 4,64,476 की तुलना में अधिक है। मरने वालों में 59.63 प्रतिशत पुरुष और 40.36 प्रतिशत महिलाएं थीं, जबकि ट्रांसजेंडर की मृत्यु दर 0.01 प्रतिशत दर्ज की गई।

लिंगानुपात में मामूली सुधार

इस रिपोर्ट में एक सकारात्मक संकेत लिंगानुपात में मामूली सुधार के रूप में देखा गया है। वर्ष 2023 में प्रति 1000 पुरुष जन्मों पर 902 बालिकाएं जन्मी थीं, जो 2024 में बढ़कर 903 हो गई। यह बदलाव भले ही छोटा हो, लेकिन सामाजिक दृष्टि से इसे एक सुखद संकेत माना जा रहा है।

बांसवाड़ा में सबसे अधिक पैदा हुए बच्चे

राज्य की औसत जन्म दर 23.17 रही, जिसमें 19 जिलों की जन्म दर इस औसत से कम और 14 जिलों की अधिक रही। ग्रामीण क्षेत्रों में औसत जन्म दर 15.03 दर्ज की गई, जो गत वर्ष 14.77 थी। बांसवाड़ा जिले में सबसे अधिक 27.47 की ग्रामीण जन्म दर दर्ज की गई, जबकि हनुमानगढ़ में यह केवल 5.73 रही। शहरी क्षेत्रों की औसत जन्म दर 47.77 रही, जिसमें सर्वाधिक दर जालौर (137.08) और न्यूनतम कोटा (25.21) में दर्ज की गई।

जैसलमेर में सबसे कम मृत्यु दर

राज्य की औसत मृत्यु दर 5.57 रही, जिसमें 23 जिलों की मृत्यु दर इस औसत से कम और 9 जिलों की अधिक रही। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 4.82 रही, जबकि गत वर्ष 4.71 थी। राजसमंद जिले में सबसे अधिक 7.19 की मृत्यु दर रही, वहीं जैसलमेर में सबसे कम 3.13 दर्ज की गई। शहरी क्षेत्रों में औसत मृत्यु दर 7.85 रही, जिसमें बांसवाड़ा (12.68) सबसे आगे और नागौर (4.38) सबसे पीछे रहा।

उदयपुर में सबसे अधिक शिशु मृत्यु

शिशु मृत्यु दर की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में यह औसतन 0.56 रही, जो गत वर्ष 0.42 थी। उदयपुर में यह दर सर्वाधिक 1.86 रही, जबकि बांसवाड़ा और जैसलमेर में मात्र 0.11 रही। शहरी क्षेत्रों में औसत शिशु मृत्यु दर 12.82 रही। उदयपुर जिले में यह 45.56 तक पहुंच गई, जो कि बेहद चिंताजनक है। वहीं करौली में शिशु मृत्यु दर 0.00 दर्ज की गई, जो सराहनीय मानी जा सकती है।

ये भी पढ़ें

Jaipur Crime: मदद की चीखें गूंजती रहीं… लेकिन नहीं रुके बेरहम, घेरकर युवक की हत्या, 7 की हालत गंभीर

Updated on:
13 Aug 2025 02:30 pm
Published on:
13 Aug 2025 01:13 pm
Also Read
View All

अगली खबर