Rajasthan Cabinet: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। 'विकसित राजस्थान 2047' के विजन डॉक्यूमेंट को मंजूरी दी। इस दस्तावेज में राज्य का स्पष्ट रोडमैप है।
जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य की पहचान और तकनीकी शक्ति को नई उड़ान देने के लिए शनिवार को बड़ा फैसला लिया। कैबिनेट ने जयपुर में 95 एकड़ भूमि पर राजस्थान मंडपम और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (आइटी टावर) बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। यह प्रोजेक्ट राजधानी में व्यापार, तकनीक और पर्यटन का नया गढ़ तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। 'विकसित राजस्थान 2047' के विजन डॉक्यूमेंट को मंजूरी दी। इस दस्तावेज में राज्य का स्पष्ट रोडमैप है। वर्ष 2047 तक राजस्थान को करीब 375.52 लाख करोड़ रुपए (4.3 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाना है। यह भी तय किया गया है कि वर्ष 2030 तक 34.93 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य तक पहुंचा जाए। बैठक में 'विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना' को भी मंजूरी मिली।
मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जोगाराम पटेल और बाबूलाल खराड़ी ने प्रेस से चर्चा की। उन्होंने कहा, 'विजन डॉक्यूमेंट सिर्फ आर्थिक विकास नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की रूपरेखा भी है। यह राजस्थान के भविष्य का संकल्प है।' बैठक में 'वन स्टेट-वन इलेक्शन' पर भी चर्चा हुई। ओबीसी आरक्षण को लेकर आयोग तीन महीने में अनुशंसा देगा।
सरकार ने राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज को अपग्रेड कर एम्स जैसी तर्ज पर 'राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स)' बनाने का फैसला किया। यह राज्य का पहला पीजी स्तर का मेडिकल संस्थान होगा। साथ ही सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से जुड़ा राज्य कैंसर संस्थान भी इसमें शामिल होगा।
बी-2 बाइपास की 95 एकड़ भूमि पर राजस्थान मंडपम का निर्माण एनबीसीसी (इंडिया) करेगी। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, 5-स्टार होटल, आवासीय-वाणिज्यिक टावर बनेंगे। लागत 3700 करोड़ है, जिसमें 635 करोड़ राज्य सरकार देगी। ढाई साल में काम पूरा होगा। मण्डपम 2200 करोड़ से विकसित किया जाएगा। जिसकी क्षमता 7000 से 7500 व्यक्तियों की होगी।
एयरो स्पोर्ट्स के लिए हवाई पट्टियों की भूमि लीज नीति स्वीकृत।
नगरीय क्षेत्रों के लिए भूमि आवंटन नीति-2025 को मंजूरी।
एक सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल, भू राजस्व संशोधन विधेयक और भूजल प्राधिकरण विधेयक लाए जाएंगे।
प्रदेश में एक्सप्रेस-वे की 7 परियोजनाओं की डीपीआर तैयार हो रही है। अब तक 4 एक्सप्रेस-वे कोटपूतली-किशनगढ़, जयपुर-भीलवाड़ा, ब्यावर-भरतपुर, जयपुर फलोदी की डीपीआर बन चुकी है। जबकि, शेष तीन जालोर-झालावाड़, अजमेर-बांसवाड़ा एवं श्रीगंगानगर की रिपोर्ट का कार्य प्रगति पर है। राज्य राजमार्ग एक्सप्रेस-वे के लिए भी दरें केन्द्र सरकार की अधिसूचना के अनुरूप करने के लिए नियमों में संशोधन की स्वीकृति दी गई।