Justice in 5 Days: कोर्ट ने मामले की गंभीरता और पुलिस द्वारा पेश किए गए ठोस सबूतों के आधार पर महज 5 दिन के ट्रायल में आरोपी को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 5 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।
Rajasthan Court Judgment On Bike Theft Case: राजस्थान के न्यायिक इतिहास में संभवतः पहली बार न्याय की ऐसी मिसाल देखने को मिली है, जहां कोर्ट ने महज 5 दिन के भीतर ट्रायल पूरा कर फैसला सुना दिया। कोटपूतली-बहरोड़ जिले में बाइक चोरी के एक मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। सामान्यतः आपराधिक मामलों में महीनों तक तारीखें चलती हैं, लेकिन इस त्वरित न्याय ने प्रदेश भर के कानूनविदों और आम जनता को हैरान कर दिया है।
यह ऐतिहासिक आदेश जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि शर्मा के मार्गदर्शन में एसीजेएम सिमरन कौर ने सुनाया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता और पुलिस द्वारा पेश किए गए ठोस सबूतों के आधार पर महज 5 दिन के ट्रायल में आरोपी को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 5 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है।
इस त्वरित न्याय के पीछे स्थानीय पुलिस की मुस्तैदी की भी बड़ी भूमिका रही। पुलिस ने न केवल आरोपी को समय रहते दबोचा, बल्कि कोर्ट के समक्ष आधुनिक डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज पेश किए। पुलिस ने पांच दिनों के भीतर ही सभी जरूरी गवाहों की गवाही पूरी करवाई और तकनीकी सबूतों की चैन को इतनी मजबूती से जोड़ा कि कोर्ट के लिए न्याय करना आसान हो गया। अदालत ने पुलिस के इस सराहनीय कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यदि इसी सक्रियता के साथ जांच और साक्ष्य पेश किए जाएं, तो न्याय व्यवस्था पर जनता का विश्वास और अधिक मजबूत होगा।
आमतौर पर चोरी जैसे मामलों में लंबी न्यायिक प्रक्रिया के कारण आरोपी जमानत पर बाहर आ जाते हैं और फिर से वारदातों को अंजाम देने लगते हैं। लेकिन सिर्फ 5 दिन में सजा सुनाए जाने के बाद अपराधियों में हड़कंप मच गया है। कोटपूतली.बहरोड़ क्षेत्र के लोगों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सुपरफास्ट न्याय करार दिया है। वास्तव में यह फैसला इस बात का जीवंत उदाहरण है कि यदि पुलिस प्रशासन और न्यायपालिका मिलकर काम करें, तो कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के साथ.साथ पीड़ितों को तत्काल न्याय दिलाया जा सकता है।