राजस्थान के बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में देरी से आने वाले चिकित्सकों पर अब सख्ती शुरू कर दी गई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन के अनुसार जयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर और उदयपुर जिले समेत प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को आदेश जारी कर यह सिस्टम अनिवार्य कर दिया है।
जयपुर: राजस्थान के बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की गाइडलाइन के आधार पर जयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर और उदयपुर जिले सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों को आदेश जारी किए गए हैं।
आदेशों के अनुसार, अब सभी फैकल्टी को आधार आधारित बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजिरी दर्ज करनी होगी। यही हाजिरी राज्य सरकार को भेजी जाएगी और वेतन-भत्तों का निर्धारण इसी आधार पर किया जाएगा। विभाग ने इस व्यवस्था को इसी महीने से सभी कॉलेजों में लागू करने के निर्देश दिए हैं।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों में बायोमैट्रिक हाजिरी नहीं लगाने पर कुछ चिकित्सकों के वेतन में कटौती शुरू हो गई है। इस पर डॉक्टरों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि 10 से 12 घंटे तक ड्यूटी करने और आपातकालीन परिस्थितियों में अतिरिक्त समय देने के बावजूद वेतन कटौती करना अनुचित है।
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि आदेशों में लचीलापन नहीं बरता गया तो विरोध और तेज होगा। वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
गौरतलब है कि यह व्यवस्था लागू होने से मेडिकल कॉलेजों में अनुशासन और मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।