राजस्थान के हर जिले की अपनी विशेष पहचान होगी। इसके लिए प्रत्येक जिले में उपज, वनस्पति, उत्पाद, पर्यटन व खेल से जुड़े पंच गौरव तय कर उनके विकास का प्लान तैयार होगा।
जयपुर। राजस्थान के हर जिले की अपनी विशेष पहचान होगी। इसके लिए प्रत्येक जिले में उपज, वनस्पति, उत्पाद, पर्यटन व खेल से जुड़े पंच गौरव तय कर उनके विकास का प्लान तैयार होगा। इसके लिए 550 करोड़ रुपए का बजट भी दिया जाएगा। जिलों से बजट की उपलब्धता व आवश्यकता की जानकारी मांगकर प्लान को जमीन पर उतारने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।
इस प्रयास को दुनिया के नक्शे पर पहचान दिलाने के लिए एक पोर्टल भी बनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम को पंच गौरव नाम दिया गया है, जिसके माध्यम से हर जिले को नई सांस्कृतिक व आर्थिक पहचान दी जाएगी। जिलों के विकास को दिशा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 350 बिलियन डॉलर तक ले जाने का प्रयास भी किया जाएगा। अब तक प्रदेश की पहचान महल-किले-हवेलियों और रेत के धोरों से होती है।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए हर जिले में स्थानीय कला, शिल्प एवं परंपराओं को वैश्विक पहचान दिलाई जाएगी।
आर्थिक विकास एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता, मार्केटिंग व निर्यात क्षमता में सुधार किया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे।
प्रमुख वनस्पतियों का संरक्षण करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से उनके व्यावसायिक उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाएगा।