जयपुर हाईकोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में दर्ज एफआईआर रद्द की। पीड़िता के बालिग होने पर आरोपी से विवाह और खुशहाल जीवन का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा, कानून समाज कल्याण के लिए है।
जयपुर: जिस नाबालिग से बलात्कार को लेकर पॉक्सो कानून में एफआईआर दर्ज हुई, उसने बालिग होने पर आरोपी से शादी कर ली। हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द कर टिप्पणी की, कि कानून का मूल मकसद समाज कल्याण होता है, जो समाज की जरूरत और परिस्थितियों के अनुसार बदलता है।
बलात्कार महिला से क्रूरतम अपराध है। लेकिन पीड़िता बालिग होने पर आरोपी से शादी कर खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने की बात कहे तो नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने नाबालिग से बलात्कार मामले में एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश दिया। आरोपी ने एफआईआर को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करते हुए कहा, वह खुशहाल वैवाहिक जीवन में बाधा नहीं बन सकता। ट्रायल जारी रहने पर परिवार पर विपरीत असर होगा। ऐसे में पॉक्सो कोर्ट, (जयपुर महानगर-2) लंबित कार्यवाही बंद कर दे।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह फैसला नजीर नहीं बनेगा और बलात्कार के मामले में पीड़िता से राजीनामे के आधार पर एफआईआर रद्द नहीं होगी।
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया कि साल 2021 में जयपुर में बलात्कार का मामला दर्ज हुआ, आरोपी गिरफ्तार हो गया। मई 2025 में आरोपी ने अंतरिम जमानत लेकर मुस्लिम रीति-रिवाज से पीड़िता से विवाह कर पंजीकरण करा लिया।