Rajasthan Monsoon Meter 2025: मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में इस सीजन कुल 633.2 मिमी बारिश दर्ज हुई है, जबकि सामान्य औसत 380 मिमी रहता है। यानी इस बार मानसून ने प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ वर्षा दी है।
Heavy Rainfall In Many Districts: राजस्थान में इस बार मानसून ने जमकर मेहरबानी दिखाई है। अब तक पूरे प्रदेश में औसत से 67 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में इस सीजन कुल 633.2 मिमी बारिश दर्ज हुई है, जबकि सामान्य औसत 380 मिमी रहता है। यानी इस बार मानसून ने प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ वर्षा दी है।
बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई। सवाई माधोपुर के बजीरपुर में 72 मिमी पानी बरसा। वहीं, सीकर जिले के रामगढ़-शेखावाटी में 54 मिमी और नीमकाथाना में 30 मिमी बारिश हुई। सवाई माधोपुर जिले के ही बजीरपुर में भी 72 मिमी पानी दर्ज हुआ। पाली के देसूरी में 38 मिमी, नागौर के खींवसर में 41 मिमी और मंडावा में 29 मिमी वर्षा दर्ज हुई। इसी तरह कोटा जिले के रामगंजमंडी में 29 मिमी, करौली के टोडाभीम में 36 मिमी और श्रीमहावीरजी में 50 से 52 मिमी तक बारिश दर्ज हुई।
झुंझुनूं के खेतड़ी में 31 मिमी, झालावाड़ जिले के झालरापाटन में 33 मिमी, पिरावा में 30 मिमी और मनोहरथाना में 28 मिमी बारिश दर्ज की गई। धौलपुर जिले के सरमथुरा में 39 मिमी और मान्या में 29 मिमी पानी बरसने की जानकारी मिली है। बारिश का यह दौर किसानों के लिए राहत लेकर आया है। इस सीजन की अच्छी वर्षा से खरीफ की फसलों को सीधा फायदा होगा। खासतौर पर बाजरा, मूंग, सोयाबीन और मक्का जैसी फसलों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति मिलने से उत्पादन बढ़ने की संभावना है। हांलाकि कई जिलों में ज्यादा बारिश होने के कारण फसलों में भारी नुकसान भी हुआ है। ऐसे में सरकार के राहत पैकेज का इंतजार भी है। फसलों के साथ ही इस बार करोड़ों रुपयों की सड़कें भी नष्ट हुई हैं। कई जिलों में तो पुलिया तक ढह गई है।
प्रदेश में सामान्य से अधिक हुई बारिश का फायदा जलस्रोतों को भी मिला है। बांधों और तालाबों का जलस्तर बढ़ा है, जिससे आने वाले महीनों में पेयजल और सिंचाई की समस्या काफी हद तक कम होगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि मानसून का असर अभी कुछ और दिनों तक जारी रह सकता है। माना जा रहा है तेज बारिश का यह दौर इस पूरे सप्ताह तक जारी रह सकता है। उसके आद अगले सप्ताह में बारिश कम होगी और मानसून विदाई की ओर रुख करेगा। बारिश जनित हादसों में अब तक करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है और करीब आठ सौ लोगों को बचाव दलों ने बचाया है। इनमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, स्थानीय स्वयं सेवक समूह, एनजीओ और अन्य लोग शामिल हैं।