जयपुर

अब ई-कॉमर्स से टक्कर ले रहे राजस्थान के लोकल व्यापारी, ढाई लाख को देंगे रोजगार, जानें कैसे

Rajasthan News : ई-कॉमर्स मार्केट के लिए आने वाले दिन परेशानियों भरे रहेंगे। क्योंकि अब राजस्थान के शहरों के व्यापारियों ने ई-कॉमर्स को चुनौती देने के लिए रणनीति बना ली है। अब शहर के व्यापारियों के नहीं ई-कॉमर्स मार्केट के डरने के दिन हैं। जानें क्या बनाई है योजना।

2 min read
फाइल फोटो

अश्विनी भदौरिया

Rajasthan News : गिग वर्कर्स (ठेका कर्मी) के लिए आने वाला त्योहारी सीजन नौकरी की संभावनाएं लेकर आ रहा है। ई-कॉमर्स कम्पनियां ही नहीं, अब अपने शहर के व्यापारी भी ग्राहकों को घर तक सामान पहुंचाने के लिए डिलेवरी बॉय (गिग वर्कर्स) रख रहे हैं। दोनों को मिलाकर आगामी त्योहारी सीजन में राज्य के प्रमुख शहरों में दो से ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। राजधानी जयपुर के अलावा जोधपुर, कोटा, अजमेर और उदयपुर में स्थानीय व्यापारी भी डिलेवरी बॉय रख रहे हैं। ताकि, कम समय में सामान पहुंचा सकें। दरअसल, ई-कॉमर्स मार्केट से टक्कर लेने के लिए व्यापारियों ने यह पहल शुरू की है और कम डिलेवरी चार्ज लेकर अपने पुराने ग्राहकों तक सामान पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही एक ऐप पर स्थानीय व्यापारियों को भी जोड़ने की कवायद चल रही है।

ये भी चल रही तैयारी

जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित सिंह सांचौरा ने बताया कि स्थानीय बाजार और व्यापारियों को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही एक एप लॉन्च होगा। अब तक इस एप में एक हजार से अधिक व्यापारियों को जोड़ा जा चुका है। नवरात्र में इसे शुरू कर देंगे। यहां व्यापारी सीधे अपने ग्राहक को डिस्काउंट देंगे और सामान पहुंचाएंगे।

यह भी पढ़ें -

इधर भी ध्यान दे सरकार

गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पिछले साल कानून बनाया, जो अब तक प्रभावी नहीं हुआ। गिग वर्कर्स को जितनी स्थायी रोजगार की समस्या रहती है। डिलेवरी के समय दुर्घटनाग्रस्त होने पर मुआवजे के लिए बीमा कराया जाए। श्रमिकों की तरह इनके कल्याण के लिए बोर्ड बने और फंड बनाया जाए।

ऐसे कर रहे ई-कॉमर्स से मुकाबला

ई-कॉमर्स के आने रेस्टोरेंट से खाना इन कम्पनियों के माध्यम से सीधे ग्राहक तक पहुंचने लगा। यही स्थिति ग्रॉसरी के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम को घर तक पहुंचाने में हुई। इससे स्थानीय बाजार प्रभावित हुआ। स्थानीय व्यापारियों ने भी ई-कॉमर्स की तर्ज पर डिलेवरी बाय हायर किए और ग्राहकों तक सामान पहुंचाना शुरू किया। यानी रेस्टोरेंट से खाना और इलेक्ट्रॉनिक शॉप से फ्रिज ई-कॉमर्स कम्पनी की तरह की ग्राहकों तक पहुंचा रहा है।

e-commerce market

खास-खास

1- 10-12 लाख गिग वर्कर्स की जरूरत पड़ेगी सीजन में।
2- 02 लाख से अधिक गिग वर्कर्स जुड़े हैं डोर स्टेप डिलेवरी से।
3- 80 फीसद तक निर्भरता मेट्रो सिटीज में।
4- 40 फीसद लोग जयपुर सहित अन्य बड़े शहरों में ऑनलाइन सामान मंगवाना रहे।

e-commerce market

ताकि गिग वर्कर्स को मिले स्थायी रोजगार मिले

राजस्थान गिग एंड ऐप बेस्ड वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आशीष सिंह का कहना है कि काम निकलने के बाद ऑर्डर कम रह जाते हैं तो फिर छंटनी शुरू कर देते हैं। सरकार को इस ओर ध्यान दे। ताकि गिग वर्कर्स को स्थायी रोजगार मिले।

यह भी पढ़ें -

Updated on:
09 Sept 2024 11:41 am
Published on:
09 Sept 2024 11:39 am
Also Read
View All

अगली खबर