जयपुर

गिर गाय नस्ल सुधार के लिए राजस्थान में पहली बार ब्राजील से मंगाया फ्रोजन सीमन, 50 लीटर दूध देगी गाय

Rajasthan Dairy Revolution : 100 रुपए में मिलेगा विदेशी गिर नस्ल का चमत्कारी डोज। पशुपालकों की बदलने वाली है किस्मत, गिर नस्ल के सीमन से होगा चमत्कारिक सुधार।

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Apr 04, 2025

जयपुर। पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने शुक्रवार को आरएलडीबी सभागार में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत ब्राजील से आयातित उच्च आनुवांशिक गुणवत्ता वाले गिर नस्ल के सांडों के पारम्परिक हिमकृत वीर्य डोजेज का जिलों को वितरण का शुभारंभ किया। उन्होंने जयपुर जिले को सीमन का जार भेंट किया। इस सीमन के उपयोग से कृत्रिम गर्भाधान करने पर राज्य में उच्च आनुवांशिक गुणवत्ता वाले बछड़े और बछड़ियां पैदा होंगे। बछड़ियों में दुग्ध उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी जिससे दूध का उत्पादन अधिक होगा। अभी हमारी गिर गायों के दूध का उत्पादन प्रति दिन 15 से 20 लीटर है जबकि इस सीमन से उत्पादन बढ़कर 50 लीटर तक हो सकता है।

इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गायों के नस्ल सुधार पर गंभीरता से काम कर रही है। इसके लिए यथा संभव प्रयास भी किए जा रहे इसी प्रयास का परिणाम है कि आज राज्य के 23 जिलों के लिए ब्राजील से आयातित उच्च आनुवांशिक गुणवत्ता वाले गिर नस्ल के सांडों के पारम्परिक हिमकृत सीमन डोज हमें एनडीडीबी के माध्यम से प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य को ब्राजील के गिर गोवंश के सांडों का हिमकृत सीमन पहली बार प्राप्त हुआ है। अभी इस सीमन का उपयोग राज्य की प्रजनन नीति के अनुसार गिर गोवंश के बाहुल्य वाले क्षेत्रों में उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाली शुद्ध गिर गोवंश की मादाओं में कृत्रिम गर्भाधान के लिए किया जाएगा।

पशुपालकों को भी व्यक्तिगत रूप से मिले यह डोज

कुमावत ने बताया कि अभी यह आयातित सीमन पशुपालकों को केवल 100 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। भविष्य में ब्राजील से उच्च गुणवत्ता वाले गिर गोवंश के सीमन को अधिक से अधिक मंगवाए जाने के प्रयास किए जाएंगे जिससे राज्य के पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केवल डेयरी फार्म को ही इसका फायदा नहीं मिलना चाहिए बल्कि पशुपालकों को व्यक्तिगत रूप से भी यह डोज मिले जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो। उन्होंने कहा कि वितरित डोज का रिकार्ड संधारण उचित तरीके से किया जाए जिससे इससे होने वाले लाभ के आधार पर आगे इस सीमन की उपलब्धता राज्य के लिए सुनिश्चित की जा सके।

पशुपालन मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के अतिरिक्त और संयुक्त निदेशकों के साथ किसानों से भी बातचीत की।

उल्लेखनीय है कि राज्य की प्रजनन नीति के अनुसार इस सीमन का उपयोग राज्य के अजमेर भीलवाड़ा, टोंक, भरतपुर, पाली, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़ जयपुर, सीकर, सहित 23 जिलों में किया जाएगा। इस अवसर पर पशुपालन विभाग और आरएलडीबी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Updated on:
05 Apr 2025 08:09 am
Published on:
04 Apr 2025 09:00 pm
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