जयपुर

सड़क हादसों में मौतें बढ़ीं, सरकार ने 2047 तक 90% कमी का लक्ष्य रखा

पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर तक सड़क हादसों में तो कमी आई, लेकिन हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ गया। इस बीच राज्य सरकार की ओर से हाल ही जारी विकसित राजस्थान-2047 विजन में सड़क हादसों में मौतों में 90 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क हादसों का वर्षवार आकलन करें तो न तो हादसे कम हो रहे हैं और न ही उनमें मरने व घायल होने वालों की संख्या में कमी आई है।

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Nov 09, 2025

लक्ष्य बड़ा, हालात बदतर:ट्रोमा सेंटर की सुविधाओं के विस्तार पर जोर

जयपुर. पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर तक सड़क हादसों में तो कमी आई, लेकिन हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ गया। इस बीच राज्य सरकार की ओर से हाल ही जारी विकसित राजस्थान-2047 विजन में सड़क हादसों में मौतों में 90 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क हादसों का वर्षवार आकलन करें तो न तो हादसे कम हो रहे हैं और न ही उनमें मरने व घायल होने वालों की संख्या में कमी आई है। इसी को देखते हुए सरकार ट्रोमा सेंटर की सुविधाओं का विस्तार कर रही है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून के पीछे भी यही मकसद रहा।

पिछले पांच साल में रहा यह हाल

वर्ष – हादसे – मौत

2020 – 19,114 – 9,250

2021 – 20,951 – 10,043

2022 – 23,614 – 11,104

2023 – 24,705 – 11,762

2024 – 24,838 – 11,790

सितंबर तक की स्थिति

वर्ष – हादसे – मौत

2024 – 18,693 – 8,627

2025 – 18,053 – 8,949

हमारे यहां युवा सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, जबकि दूसरे देशों में सख्त रुख अपनाया जाता है। सड़क हादसे में एक भी मौत होना चिंताजनक है। सड़क सुरक्षा की बात तो हो रही है, लेकिन स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय सहित कहीं भी हादसों में घायलों के जीवन की रक्षा के बारे में बताया नहीं जाता।

- डॉ. माया टंडन, पद्मश्री व सड़क सुरक्षा के लिए कार्यरत

इधर, सरकार का दावा: प्रदेश में 36 हजार 140 किलोमीटर सड़कों का विकास

प्रदेश में भाजपा की सरकार बने करीब दो साल होने जा रहे हैं। राज्य सरकार का दावा है कि इतने कम समय में ही 36 हजार 140 किलोमीटर सड़कों का विकास किया गया है, जो अन्य सरकारों के मुकाबले काफी ज्यादा है। हालांकि, सरकार के सामने खराब सड़कों को ठीक करने का मुद्दा अभी भी सामने खड़ा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सड़कों के विकास पर 24 हजार 976 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क तंत्र मजबूत बनाने की दिशा में 1 हजार 564 गांवों और बसावटों को सड़कों से जोड़ा गया है। साथ ही 3 हजार 543 किलोमीटर लंबाई की मिसिंग लिंक सड़कों के लिए 1 हजार 328 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार 327 अटल प्रगति पथों के निर्माण के लिए 813 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत की जा चुकी है। 8 हजार 194 करोड़ रुपए की लागत से 6 हजार 249 किलोमीटर लंबाई के राज्य राजमार्गों का विकास किया जा चुका है और 2 हजार 547 करोड़ रुपए की लागत से 8 राज्य राजमार्गों में कार्य प्रगति पर है।

Published on:
09 Nov 2025 05:58 pm
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