Rajasthan Politics: चिन पायलट ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, भारत-अमेरिका संबंध, सीजफायर की विश्वसनीयता और राजनीतिक निष्पक्षता जैसे मुद्दों पर बड़ा बयान दिया है।
Rajasthan Politics: कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद, भारत-अमेरिका संबंध, सीजफायर की विश्वसनीयता और देश में राजनीतिक निष्पक्षता जैसे मुद्दों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आतंकवाद को देश की सबसे बड़ी चुनौती बताया और सरकार से इस पर स्पष्ट नीति और निर्णायक कदम उठाने की मांग की।
सचिन पायलट ने कहा कि भारत पिछले कई दशकों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का शिकार रहा है, विशेषकर कश्मीर और पंजाब जैसे संवेदनशील राज्यों में। उन्होंने कहा कि अब पूरा देश आतंकवाद से तंग आ चुका है। पाकिस्तान में जो संगठन आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, उनका सफाया आवश्यक है।
उन्होंने हाल में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सराहना करते हुए कहा कि हमारे सैनिकों ने अद्वितीय पराक्रम दिखाया है और आतंकवाद के ठिकानों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया है। उन्होंने सैनिकों के परिवारों को भी सलाम किया।
पायलट ने सीजफायर की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि युद्धविराम की घोषणा भारत की बजाय अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा की गई। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने चिंता जताई कि घोषणा के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया। ऐसे में यह समझौता कितना विश्वसनीय है, यह सवाल उठता है।
सचिन पायलट ने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हुए व्यापारिक समझौतों और आर्थिक मदद पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से ग्यारह गुना बड़ी है, लेकिन अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिया जाना चिंताजनक है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि अमेरिका से क्या आश्वासन मिला, और कश्मीर का मुद्दा सीजफायर वार्ता में क्यों शामिल नहीं था। उनका कहना था कि भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौलना भारत के हितों के खिलाफ है।
पायलट ने मांग की कि विदेश नीति जैसे गंभीर मामलों में केवल प्रवक्ता स्तर के बयान काफी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सबसे उच्च स्तर से स्पष्टीकरण आना चाहिए और अमेरिका की किसी भी तरह की मध्यस्थता को सिरे से खारिज किया जाना चाहिए।
राजनीतिक मोर्चे पर बोलते हुए पायलट ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता 24 घंटे में रद्द कर दी गई, जबकि भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह स्पष्ट करता है कि निष्पक्षता नहीं बरती जा रही। ऐसा लगता है कि सरकार या पार्टी के दबाव में विधानसभा का संचालन हो रहा है।
शशि थरूर के बयान पर कांग्रेस के रुख का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे देश की सच्चाई भी दुनिया के सामने रखते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अमेरिका जैसे देशों ने अपने बयानों में आतंकवाद शब्द तक का इस्तेमाल नहीं किया।
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद हमारा मुख्य मुद्दा है, तो सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी देश के हित में उठाए गए हर सार्थक कदम का समर्थन करेगी।