Nirmal Chaudhary Detained: राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को हिरासत में लिए जाने के मामले में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
Nirmal Chaudhary Detained: राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी और कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने के मामले में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
सचिन पायलट ने कहा कि लोकतंत्र में धरना-प्रदर्शन विपक्ष का अधिकार है, लेकिन सरकार गिरफ्तारी और हिरासत के जरिए विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने इस कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए इसका पुरजोर विरोध करने की बात कही।
दरअसल, शनिवार को जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में पायलट ने हाल ही में एक युवा डॉक्टर की मौत के बाद हुए आंदोलन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के परिजन और साथी लंबे समय से न्याय की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने देरी से कार्रवाई की। यदि सरकार ने समय रहते संवाद किया होता, तो लोगों का आक्रोश नहीं बढ़ता।
पायलट ने कहा कि लोग धूप और बारिश में एक हफ्ते तक सड़कों पर रहे। सरकार ने पहले संवेदनशीलता दिखाई होती, तो यह नौबत नहीं आती। पायलट ने निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए कहा कि संविधान हर नागरिक को अपनी बात रखने की छूट देता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। प्रशासन अपनी ताकत का दुरुपयोग कर आवाज दबाना चाहता है। यह गलत है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि कोई कानून तोड़ता है, तो उसका समर्थन नहीं किया जा सकता, लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर जनप्रतिनिधि का अधिकार है।
वहीं, डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने बताया कि चौधरी के खिलाफ 2022 में गांधी नगर थाने में राजकार्य में बाधा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और पुलिसकर्मियों से बदसलूकी का मामला दर्ज था। दोष सिद्ध होने के बाद चौधरी को परीक्षा के बाद हिरासत में लिया गया। गौतम ने स्पष्ट किया कि पूनिया को हिरासत में नहीं लिया गया, बल्कि वे स्वयं चौधरी को बचाने के लिए पुलिस की गाड़ी में बैठ गए थे और बाद में अपने आवास लौट गए।
गौरतलब है कि 22 अगस्त 2022 को राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव से पहले बिना अनुमति रैली निकालने पर पुलिस और छात्रों में हिंसक झड़प हुई थी। चौधरी और उनके समर्थकों पर पुलिस जीप तोड़ने, एसएचओ की वर्दी फाड़ने और डीएसपी मुकेश चौधरी को घायल करने का आरोप लगा था। पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया था। यह मामला अब फिर से चर्चा में है।