Rajasthan News: सचिन पायलट ने जयपुर में लोक स्वराज मंच के कार्यक्रम में हुए कहा कि कब चंद्रबाबू नायडू का मन भटक जाए, कब नीतीश कुमार पलटी मार जाए, कोई पता नहीं।
Sachin Pilot News: सोमवार को सचिन पायलट ने जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायती राज भवन में लोक स्वराज मंच के कार्यक्रम में बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो लोग 400 पार, 500 पार की बात करते थे, आज वो 240 पर हैं, कब चंद्रबाबू नायडू का मन भटक जाए, कब नीतीश कुमार पलटी मार जाए, कोई पता नहीं। बता दें, इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार पूण्य प्रसून वाजपेयी भी मौजूद थे।
इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि लोकतंत्र में दल और नेताओं में ताकत पदों से नहीं जनता के वोट और समर्थन से आती है। चुनाव में जीत-हार होती रहती है, लेकिन विचारधारा पर चलते रहना जरुरी है। भारत का लोकतंत्र रोमांचक और विचित्र है, जो अलग-अलग निर्णय देता है।
उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग 400 पार की बात करते थे, 240 पर सिमट गए। पता नहीं कब चंद्रबाबू नायडू का मन भटक जाए और नीतीश कुमार पलटी मार जाएं, यह कोई नहीं कह सकता। उन्होंने कहा कि भले ही लोकसभा चुनाव चार साल दूर हों, लेकिन विपक्षी दल एकजुट होकर खड़े हैं और इसका असर भविष्य में दिखेगा।
बता दें, पायलट सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में लोक स्वराज मंच की ओर से संसदीय लोकतंत्र में संविधान और संस्थाओं के महत्व को लेकर आयोजित व्यायान में बोल रहे थे।
इस कार्यक्रम में पायलट ने ये भी कहा कि समय कभी एक सा नहीं रहता, यह मैंने अपने खुद जीवन में भी देखा है। अच्छा समय भी आता है बुरा समय भी आता है, लेकिन एक चीज, जिसकी कीमत का कोई आकलन नहीं कर सकता। जनता के मन में जो व्यक्ति, जो नेता जगह बना लेता है, वह लंबा चलता है। उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में है या नहीं।
उन्होंने कहा कि मैंने बहुत से लोग देखें हैं, देश में 75 मंत्री होंगे, लेकिन सबके नाम नहीं जानते। चर्चित होना एक बात होती है, लेकिन अपने काम और कार्य शैली से कोई व्यक्ति आम जनमानस के मन में एक सुरक्षित जगह बनाता है, सबसे बड़ी कीमत वही है।
सचिन पायलट ने SI भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग को लेकर कहा कि सरकार इसे लेकर भी भ्रम में है। सरकारी एजेंसियों ने इस परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की है और मंत्री इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की क्या मजबूरी है? वह परीक्षा क्यों नहीं रद्द करना चाहती है? क्या उसे अपनी खुद की एजेंसी पर भरोसा नहीं है।