Samravata Village Violence Case: उपचुनाव की वोटिंग के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा मामले को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल के साथ तीन मंत्रियों की बैठक हुई।
Samravata Village Violence Case: देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव की वोटिंग के दौरान निर्दलीय प्रत्य़ाशी नरेश मीणा द्वारा SDM अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इस घटना को लेकर भजनलाल सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के साथ गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ग्रामीणों ने सरकार के सामने अपनी 4 मांगें रखी थीं, इनकी सभी मांगों को मान लिया गया है।
दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हमारा मन बन गया है, हम इनके हर तरह के नुकसान की भरपाई करेंगे। एक असेसमेंट रिपोर्ट बनाई जाएगी, जिसमें किसका कितना नुकसान हुआ, इसका जिक्र होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही लोगों के इलाज, मकान और वाहन में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। 9 निर्दोष लोगों को छोड़ दिया गया है। वहीं, 35 बाइक, 7 कार का नुकसान हुआ, इसमें पुलिस के भी वाहन शामिल है जिनकी संभागीय आयुक्त जांच करेगा जिससे कि सीमित समय में लोगों को न्याय मिल सके।
उन्होंने कहा कि हम अब सीएम भजनलाल शर्मा से मिलने जा रहे हैं। इस जांच रिपोर्ट में कितना समय लगेगा और कब तक ग्रामीणों को मदद मिल जाएगी, इसकी जानकारी मीटिंग के बाद ही मिल पाएगी। इसके साथ समरावता सहित पांच ग्राम पंचायतों को देवली उपखंड से हटाकर उनियारा उपखंड में शामिल करने पर भी सहमति बन गई है। किरोड़ी लाल मीणा ने प्रेसवार्ता में बताया कि समरावता सहित 8 गांव उनियारा में मिलाए जाएंगे।
बताते चलें कि गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और समरावता गांव के प्रतिनिधि मंडल के बीच हुई वार्ता में यह सहमति बनी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी में देरी क्यों हुई? इसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि ये जांच का विषय है। डिविजन कमिशनर इस मामले की जांच कर रहे हैं। जैसे ही जांच पूरी हो जाएगी, वो रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
इस मामले की ज्यूडिशियल इन्क्वायरी हमने टाल दी थी, क्योंकि उसमें बहुत समय चला जाता. और अगर न्याय समय पर नहीं मिलता तो लोग अधीर हो जाते. यही सब सोचकर हमनें डिविजन कमिशनर से एक सीमित समय में जांच पूरी करने के लिए कहा है।
बता दें, देवली-उनियारा के समरावता गांव में हुई हिंसा को लेकर ग्रामीण नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं। ऐसे में मंगलवार को ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम के आवास पर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और कन्हैयालाल चौधरी के साथ करीब 2 घंटे तक वार्ता चली।
इस वार्ता के बाद किरोड़ी लाल मीणा प्रतिनिधिमंडल के साथ मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने कहा कि 13 नवंबर को जो घटना हुई, उसकी पूरी निष्पक्ष जांच हो, जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो। इस मांग पर सरकार ने संभागीय आयुक्त की अध्यक्ष में कमेटी का गठन करेगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ घटना के दौरान जो ग्रामीणों का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई भी राज्य सरकार के स्तर पर होगी, इस पर भी सहमति बनी है।
इस प्रेसवार्ता के बाद जैसे ही प्रतिनिधिमंडल तीनों मंत्रियों के साथ में मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना होने लगा, इस बीच ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया कर्मियों के सामने संभागीय आयुक्त से जांच पर अपनी नाराजगी जाहिर की और उन्होंने कहा कि हम इस पूरे मामले में सिर्फ और सिर्फ न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।
इसके बाद सीएम से मुलाकात करने जा रहे किरोड़ी लाल मीणा, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह गाड़ी से उतर गए। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि अगर आपको न्यायिक जांच चाहिए थी तो फिर अंदर मीटिंग में क्यों नहीं बोले? उन्होंने कहा मैं मीटिंग में अंदर कहा था कि इस मामले की संभागीय आयुक्त से जांच करवा लीजिए, क्योंकि न्यायिक जांच में लंबा समय लगता है, मैंने कोई दबाव नहीं डाला….आपने मेरी बात पर अंदर हां भरी थी…फिर बाहर आकर बदल क्यों गए? हालांकि, बाद में ग्रामीण संभागीय आयुक्त से जांच की मांग पर सहमत हो गए और मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रवाना हुए।