कृषकों को मांग के अनुसार समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। इस संबंध में राजस्थान कृषि विभाग ने अहम निर्देश जारी किए हैं।
जयपुर। राज्य में इस वर्ष अच्छा मानसून रहने के कारण फसलों की बुआई का क्षेत्रफल बढ़ने के साथ उर्वरकों की मांग भी बढ़ रही है। कृषकों को मांग के अनुसार समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है।
आयुक्त कृषि, चिन्मयी गोपाल ने बताया कि उर्वरक विक्रेताओं द्वारा यूरिया, डीएपी, एसएसपी एवं एनपीके उर्वरकों के साथ अन्य उत्पाद सल्फर, हर्बिसाइड, पेस्टिसाइड, सुक्ष्म तत्व मिश्रण, बायो फर्टिलाइजर आदि उत्पाद कृषकों द्वारा नहीं चाहने पर भी टैगिंग कर बेचे जा रहे हैं, जो कि अनुचित है।
कृषि आयुक्त ने जिलों में कार्यरत विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का समय-समय पर निरीक्षण कर उर्वरकों के विक्रय पर निरन्तर निगरानी रखते हुए उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के प्रावधन के अनुसार कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी उर्वरक विक्रेताओं के पास उपलब्ध स्टॉक का पीओएस स्टॉक से मिलान कर भौतिक सत्यापान करें। जिले में उर्वरकों की कालाबाजारी एवं जमाखोरी नहीं हो। जिले में उर्वरकों के वितरण पर सतत् निगरानी रखते हुए जिलें के कृषकों को ही उर्वरक का वितरण करें।